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Monday, 8 December, 2025
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हुमायूं कबीर के नाम पर गफलत: समान नाम वाले दूसरे विधायक को चंदा के लिए 200 फोन आए

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कोलकाता, आठ दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की राजनीति में गलत पहचान का एक अजीब मामला सामने आया है, जहां हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद शैली की एक मस्जिद की नींव रखी, जबकि 200 किलोमीटर दूर पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा में समान नाम वाले दूसरे विधायक को चंदा के लिए करीब 200 फोन आए।

तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक ने शनिवार को मुर्शिदाबाद के रेजिनगर क्षेत्र के बेलडांगा में प्रस्तावित मस्जिद के लिए चंदे की अपील की, तो उन्होंने शायद ही सोचा होगा कि इसके बाद उनकी पार्टी के सहयोगी, डेबरा के विधायक को फोन आने लगेंगे।

पिछले दो दिन से डेबरा विधायक के मोबाइल फोन पर विभिन्न राज्यों से अजनबियों के फोन लगातार आ रहे हैं, जिनमें से अधिकांश एक ही अनुरोध कर रहे हैं: प्रस्तावित मस्जिद के लिए दान को लेकर क्यूआर कोड दें।

डेबरा के विधायक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘पिछले एक सप्ताह से मुझे मुर्शिदाबाद के हुमायूं कबीर के लिए लगातार आने वाले कॉल और संदेशों को सुनने में काफी दिक्कत हो रही है। यह गलत पहचान का मामला है।’

भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी ने कहा, ‘कॉल करने वाले लगभग सभी लोग मुर्शिदाबाद मस्जिद के लिए पैसे भेजना चाहते हैं। मुझे बार-बार समझाना पड़ रहा है कि मैं मुर्शिदाबाद वाला हुमायूं कबीर नहीं हूं। मैं अलग शख्स हूं, हालांकि हम दोनों ही टीएमसी विधायक हैं, जब तक कि पिछले हफ़्ते उन्हें निलंबित नहीं कर दिया गया।’

उन्होंने बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मुंबई, हरियाणा, राजस्थान और यहां तक ​​कि विदेशों से भी फोन आ रहे हैं।

डेबरा विधायक हुमायूं कबीर ने 2021 में राजनीति में शामिल होने के लिए पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, ‘मैं आमतौर पर सभी अज्ञात नंबरों को उठाता हूं। पिछले दो दिनों में, मुझे करीब 200 ऐसे फोन आए होंगे।’

पूर्व मंत्री ने कहा, ‘मैं उनसे विनम्रतापूर्वक कहता हूं कि वे सही नंबर ढूंढें और दूसरे हुमायूं कबीर से सीधे संपर्क करें।’

डेबरा विधायक ने फेसबुक पर भी अपना रुख स्पष्ट किया, तथा बाद में एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, ‘मंदिर और मस्जिद राजनीतिक कुश्ती के अखाड़े नहीं हैं, बल्कि प्रार्थना और पूजा के स्थान हैं।’

वहीं, टीएमसी से निलंबित भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर के सहयोगियों के अनुसार, शनिवार को आयोजन स्थल पर 11 बड़े दान पात्र रखे गए थे। रविवार शाम तक, चार दानपात्र और नकदी से भरी एक बोरी को गिनती के लिए खोला गया, जिसमें 37.33 लाख रुपये नकद मिले। क्यूआरकोड के जरिये ऑनलाइन चंदे के रूप में अब तक 93 लाख रुपये प्राप्त हो चुके हैं।

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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