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Sunday, 17 November, 2024
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मानवाधिकार कार्यकर्ता ने ओडिशा में नाइजीरियाई कैदी की मौत को लेकर एनएचआरसी का रुख किया

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भुवनेश्वर, नौ जून (भाषा) एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने ओडिशा में विचाराधीन नाइजीरियाई कैदी की हिरासत में मौत के मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए एनएचआरसी का रुख किया है। उसने संस्था का अपमान करने के अलावा चिकित्सीय लापरवाही बरतने और कानूनी सहायता देने से इनकार करने का आरोप लगाया है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से राज्य सरकार को मृतक शख्स के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

गौरतलब है कि 40 वर्षीय अगस्तीन ओडिक्पो को साइबर अपराध मामले के संबंध में ओडिशा पुलिस ने 11 फरवरी 2019 को पटना से गिरफ्तार किया था और वह पुरी जेल में बंद था। वह बीमार हो गया था और उसे नौ मई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां त्वचा संबंधी बीमारियों के कारण 26 मई को उसकी मौत हो गयी।

उसका शव क्षत-विक्षत हो गया था और शव को दिल्ली में एक वृद्धाश्रम में रह रहे उसके भाई को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले करीब एक पखवाड़े तक मुर्दाघर में रखा गया।

मानवाधिकार कार्यकर्ता अखंड ने एनएचआरसी को दी याचिका में आरोप लगाया कि ओडिक्पो की चिकित्सीय लापरवाही के कारण मौत हुई और उसके शव को प्रशासनिक संवेदनहीनता के कारण 13 दिनों तक मुर्दाघर में छोड़ दिया गया।

अखंड ने आरोप लगाया कि नाइजीरियाई शख्स को निशुल्क कानूनी सहायता मुहैया नहीं करायी गयी।

भाषा गोला प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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