scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमएजुकेशनजेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के बीच एचआरडी सचिव आर. सुब्रमण्यम का तबादला

जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के बीच एचआरडी सचिव आर. सुब्रमण्यम का तबादला

सुब्रमण्यम को अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का सचिव बनाया गया है. इनकी जगह स्कूली शिक्षा के सचिव अमित खरे लेंगे.

Text Size:

नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय समेत देश के कई विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा अपनी मांगों और फीस वृद्धि के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के सचिव आर सुब्रमण्यम का तबादला कर दिया गया है. उन्हें अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का सचिव बनाया गया है. इनकी जगह स्कूली शिक्षा के सचिव अमित खरे लेंगे.

केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, सुब्रह्मण्यम अब सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव होंगे. सुब्रह्मण्यम 1985-बैच के आईएस अधिकारी और जेएनयू के पूर्व छात्र हैं.

केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति करने वाली समिति ने एक आदेश जारी किया है जिसमें अब उनके सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में तबादला किया गया है. आर सुब्रमण्यम 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और गौरतलब है कि वो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एल्युमनाय भी हैं.

1985 बैच के ही अमित खरे अब आर सुब्रमण्यम की जगह लेंगे.

जेएनयू में चल रहे प्रदर्शन के समाधान को लेकर एचआरडी ने तीन सदस्यीय हाई पावर कमिटी का गठन किया था. जेएनएसयू के प्रतिनिधियों ने कमिटी के साथ बैठक भी की थी लेकिन उससे भी कोई समाधान नहीं निकल पाया था.

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में जवाब दिया था कि सरकार ने किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय को फीस वृद्धि के लिए निर्देश नहीं दिए हैं.

जेएनयू के छात्रों द्वारा पिछले कई दिनों से किए जा रहे प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था. छात्र राष्ट्रपति भवन तक मार्च करने वाले थे.

जेएनयू के छात्रों की मांग है कि उनके हॉस्टल मेन्यू की फीस की वृद्धि वापस ली जाए लेकिन प्रशासन ने अभी तक छात्रों से कोई बात नहीं की है.

जुलाई में, मोदी सरकार ने 1983 बैच के आईएएस अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग को वित्त मंत्रालय से कम महत्वपूर्ण बिजली मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया था. गर्ग ने बाद में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था.

वहीं अक्टूबर में सरकार ने 1984 बैच की आईएएस अधिकारी शिक्षा सचिव रीना रे स्थानांतरित किया गया था. उन्हें वापस एजीएमयूटी कैडर भेज दिया गया था. सरकार के सूत्रों के अनुसार रे को पीएमओ से पॉलिसी के मुद्दे पर कुछ असहमतियों के कारण हटाया गया था.

आंदोलनरत छात्रों ने की थी सुब्रमण्यम से मुलाकात

वहीं इससे पहले आंदोलनरत जेएनयू छात्र संघ के कुछ छात्रों ने उच्चा शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम से मुलाकात की थी. सचिव ने उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया है कि उनकी मांगों को सकारात्मक तरीके से देखा जाएगा.

इससे पहले मंत्रालय ने मामले को सुलझाने के लिए 18 नवंबर को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) के पूर्व चेयरपर्सन वीएस चौहान, यूजीसी सेक्रेटरी रजनीश जैन और ऑल इंडिया काउंसिल फ़ॉर टेक्निकल एजुकेशन के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे के एक पैनल का गठन किया था.

दो हफ्ते पहले पैनल ने मामले में रास्ता सुझाते हुए अपनी रिपोर्ट दी थी. अभी तक मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है. मंत्रालय के सूत्रों का इस बारे में कहना है कि पैनल की रिपोर्ट में ये सलाह दी गई थी कि छात्रों की मांगें सुनी जानी चाहिए और बढ़ी हुई फ़ीस पर फ़िर से विचार होना चाहिए.

बता दें कि जेएनयू के छात्र फीस वृद्धि को लेकर अपना आंदोलन लगातार जारी किए हुए हैं. बार-बार छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बावजूद छात्र अपनी मांगों को पर अड़े हुए हैं. जेएनयू में सेमेस्टर एग्जाम शुरू होने से छात्रों का आंदोलन प्रशासन के लिए और मुसीबत बन रहा है.

share & View comments