scorecardresearch
Tuesday, 17 September, 2024
होमदेशएचआरडी ने मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली को घातक माना, 2022 तक बदलाव संभव

एचआरडी ने मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली को घातक माना, 2022 तक बदलाव संभव

एनसीईआरटी करीब 14 साल से अधिक समय बाद राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) की समीक्षा करने वाला है और यह नयी रूपरेखा के साथ तालमेल में मूल्यांकन दिशानिर्देश तैयार करेगा.

Text Size:

नई दिल्ली:  राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कहा है कि स्कूली शिक्षा में मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली के ‘घातक प्रभाव’ हैं और वह 2022 तक मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव के लिये जल्द दिशानिर्देश तैयार करने वाला है. मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

एचआरडी मंत्रालय अपनी नयी शिक्षा नीति (एनईपी) को अंतिम स्वरूप देने की प्रक्रिया में है और उसने इसका अंतिम मसौदा भी प्रस्तावित किया है जिसमें बोर्ड परीक्षाओं के ‘उच्च जोखिम’ को हटाने की बात कही गयी है .साथ ही सभी छात्रों को किसी भी दिये गये स्कूली वर्ष के दौरान दो अवसरों पर बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी और परीक्षा को ‘आसान’ बनाया जायेगा.

एनसीईआरटी करीब 14 साल से अधिक समय बाद राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (एनसीएफ) की समीक्षा करने वाला है और यह नयी रूपरेखा के साथ तालमेल में मूल्यांकन दिशानिर्देश तैयार करेगा.

मसौदे में प्रस्ताव दिया गया है, ‘मौजूदा मूल्यांकन प्रणाली के घातक प्रभावों को हटाया जायेगा, बोर्ड परीक्षाएं समग्र विकास को प्रोत्साहित करने वाली होंगी, छात्र अपनी व्यक्तिगत रूचि के आधार पर कई विषयों में से पसंदीदा विषय का चयन कर पायेंगे जिसमें वे बोर्ड परीक्षा दे पायेंगे.’

बोर्ड परीक्षा साल में दो बार लेने के विचार पर एचआरडी मंत्रालय ने फैसला किया है कि ‘2020 तक एनसीएफ के साथ-साथ 2022 तक मूल्यांकन प्रणाली में परिवर्तन के लिये एनसीईआरटी इस संदर्भ में दिशानिर्देश तैयार करेगा.’

नयी नीति में मूल्यांकन नियमों एवं मानकों के मकसद से भारत के सभी मान्यताप्राप्त स्कूल बोर्ड के लिये एक नयी नियामक संस्था बनाने की सिफारिश की गयी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभिन्न बोर्ड के मूल्यांकन के तरीके 21 सदी की कौशल दक्षता की आवश्यकता को पूरा करने वाले हों और वे नीति के घोषित उद्देश्यों के अनुरूप हों.

इस मसौदे को एचआरडी मंत्रालय ने अंतिम स्वरूप दिया है और अब मंजूरी के लिये इसे केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश किया जायेगा. लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार ‘इसमें थोड़ा बहुत सुधार’ हो सकता है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक पैनल ने नये एनईपी का मसौदा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को सौंपा.

इसके बाद विभिन्न पक्षकारों एवं आम लोगों की राय जानने के लिये मसौदे को सार्वजनिक किया गया, जिस पर एचआरडी मंत्रालय को दो लाख से अधिक सुझाव मिले हैं.

share & View comments