नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ 5 मई को देश भर के छात्रों से वेबिनार के माध्यम से चर्चा करेंगे. इस दौरान वो कोरोना संकट काल के दौरान छात्रों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब देंगे और जेईई एवं नीट की परीक्षा की तारीख़ों की घोषणा भी करेंगे.
ये परीक्षाएं कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉगू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से स्थगित कर दी गई थी.
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसके पहले केंद्रीय मंत्री वेबिनार के माध्यम से 27 अप्रैल को अभिभावकों से संवाद कर चुके हैं जिसमें देशभर से 20,000 से ज्यादा अभिभावकों ने हिस्सा लिया था.
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि छात्रों के सवालों के जवाब देने अलावा पोखरियाल अपने वेबिनार संवाद में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं के बारे में सभी को अवगत करवाएंगे और उन्हें इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे.
वेबिनार संवाद से दो दिन पहले पोखरियाल ने कहा था, ‘यह समय बहुत महत्वपूर्ण है जहां हमें न सिर्फ ये ध्यान रखना है कि छात्रों की पढाई का नुकसान न हो बल्कि इस बात का भी ख़ास ख्याल रखना है कि वो मानसिक रूप से सशक्त रहें.’
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इससे जुड़ी बहुत सी योजनाएं चलायीं हैं और छात्रों को समय- समय पर इनके बारे में अवगत करवाया गया है. उन्होंने कहा, ‘मैं एक बार फिर सभी छात्रों से एवं अभिभावकों से अपील करूंगा कि वो इन योजनाओं का लाभ उठाएं और जिस धैर्य के साथ अभी तक लॉक डाउन का पालन किया है उसी के साथ कुछ दिन और देश हित में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते रहे.’
केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि 5 मई को छात्रों से संवाद के दौरान वो जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथियों की भी घोषणा करेंगे जिससे कि छात्रों में परीक्षाओं को लेकर संशय दूर हो जाये और वो अपनी तैयारी सुचारु रूप से कर सकें.
स्कूलों कालेजों के खुलने पर सुरक्षा दिशा निर्देश बना रहा है मंत्रालय
बता दें कि दूसरी तरफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों और कालेजों के खुलने पर सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिये सुरक्षा दिशानिर्देश तैयार कर रहा है जिसमें बैठक की नयी व्यवस्था, अलग अलग कक्षाएं, भोजनालय एवं पुस्तकालय के लिये अलग नियम के साथ हॉस्टल एवं कैंटिन की नई व्यवस्थाएं शामिल हो सकती है .
देश में कोरोना वायरस के कारण 16 मार्च से ही विश्वविद्यालय एवं स्कूल बंद हैं . सरकार ने कोविड-19 से मुकाबला करने के उपायों के तहत देशभर में कक्षाएं बंद करने की घोषणा की थी . इसके बाद 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गई जिसे बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है .
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जब भी स्कूल और कालेज खुलेंगे तब उपयुक्त ढंग से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा क्योंकि स्वास्थ्य एवं सुरक्षा छात्रों के लिये सर्वोपरि है.
यह भी पढ़ें: नवाचार युक्त शिक्षा न केवल सामाजिक, आर्थिक विकास में मददगार होगी, बल्कि प्रतिस्पर्धा के लिए भी है जरूरी
इस संबंध में स्कूलों के लिये दिशानिर्देश मंत्रालय का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा विश्वविद्यालयों के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) तैयार कर रहा है.
यूजीसी ने पहले ही सिफारिश की है कि नया शैक्षणिक सत्र सितंबर से शुरू हो सकता है और पहले से दाखिल छात्रों के लिये यह अगस्त से शुरू हो सकता है. स्कूल भी आभासी माध्यमों से पठन पाठन का कार्य कर रहे हैं .
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन दिशानिर्देशों में एक सूची को शामिल किया जायेगा और छात्रों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के सुझाव भी होंगे.
उन्होंने बताया कि हालांकि कुछ इलाकों में कोविड-19 की स्थिति को भी ध्यान में रखा जायेगा और संस्थानों को लचीले ढंग से दिशा निर्देशों को अपनाना होगा .
अधिकारी ने बताया कि मंत्री पहले भी कई बार कह चुके हैं कि छात्रों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सर्वोपरि है.