नई दिल्ली: जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र बढ़ी हुई फ़ीस को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग से एक कदम पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. इस सिलसिले में बुधवार को शिक्षा मंत्रालय (एचआरडी) द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय कमेटी और जेएनयू छात्रों के प्रतिनिधियों की मुलाकात ‘पहले आप-पहले आप’ पर समाप्त हुई.
The High Power Committee of MHRD met the #JNU students today and took stock of views of students in a cordial meeting at Shastri Bhawan. They agreed to meet the students again on Friday in #JNU campus to find solutions to the current issues. pic.twitter.com/vhLo97Vhr5
— Ministry of HRD (@HRDMinistry) November 20, 2019
संसद सत्र के पहले दिन यानी 18 नवंबर को जब जेएनयू के 2000 के करीब छात्रों ने अपने प्रदर्शन से प्रशासन को हिलाकर रख दिया तो शिक्षा मंत्रालय के सचिव आर. सुब्रमण्यम ने ट्वीट कर जानकारी दी कि इस मामले पर तीन सदस्यों की एक ‘हाई पावर कमेटी‘ का गठन किया गया है जो मामले का शांतिपूर्ण हल ढूंढने की कोशिश करेगी.
कमेटी में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन प्रोफसर वीएस चौहान, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सेक्रेटरी प्रोफेसर रजनीश जैन शामिल हैं.
कमेटी के सदस्यों की बुधवार को जवाहरलाल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएयू) के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई. इस दौरान छात्रों को कैंपस के हालात सामान्य बनाने को कहा गया. मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिप्रिंट से कहा, ‘कमेटी की छात्रों से पहली मुलाकात में उनकी मांगें सुनी गई हैं. उनसे ये भी कहा गया है कि वो पहले पढ़ाई की तरफ़ लौटें.’
मंत्रालय के मुताबिक शास्त्री भवन में हुई ये मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही और छात्रों ने कैंपस में सामान्य स्थिति बहाल करने की कमेटी की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. हालांकि, छात्रों का कुछ और ही कहना है. हॉस्टल मैन्युअल में हुए बदलावों के बाद बढ़ी फ़ीस की वजह से इन छात्रों ने 28 अक्टूबर से क्लास का वहिष्कार कर रखा है.
‘हाई पावर कमेटी’ की क्लास में लौटने से जुड़ी मांग पर छात्रों ने कहा कि पहले फ़ीस पूरी तरह वापस ली जाए तभी वो क्लास में लौटेंगे. मुलाकात के दौरान मौजूद जेएनयू के जेनरल सेक्रेटरी सतीष चंद्र यादव ने कहा, ‘हमने कमेटी से मांग की है कि हॉस्टल मैन्युअल में हुए तमाम बदलाव को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.’
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अपनाते हुए जेएनयूएसयू को शामिल कर हॉस्टल मैन्युअल को बदलने की प्रक्रिया फ़िर से शुरू करने की भी मांग की गई है. जब तक मांगें नहीं मानी जाती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
क्या है पूरा मामला
जेएनयू के छात्र हॉस्टल मैन्युअल में हुए बदलावों का तीन हफ्तों से ज़्यादा समय से विरोध कर रहे हैं. हाल ही में इसमें बदवाल करके फ़ीस बढ़ाई गई है. बढ़ी हुई फ़ीस की वजह से 40 प्रतिशत छात्रों के प्रभावित होने की आशंका है. दरअसल, 2016-17 और 2017-18 की अपनी सालाना रिपोर्ट में जेएनयू प्रशासन ने बताया है कि यहां पढ़ने वाले करीब 8000 छात्रों में से 40 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं जिनकी पारिवारिक आय 12,000 से कम है.
आपको बता दें कि हॉस्टल में रह रहे छात्रों को पहले डबल कमरे के लिए 10 और सिंगल कमरे के लिए 20 रुपए हर महीने देने पड़ते थे, लेकिन बदलावों के बाद डलब कमरा 300 और सिंगल कमरा 600 रुपए का हो गया था.
पहले कोई सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता था लेकिन बदलाव के बाद हर छात्र को हर महीने 1700 रुपए का सर्विस चार्ज भी देना होगा.
अक्टूबर के अख़िरी हफ़्ते से क्लास नहीं कर रहे छात्र 11 नंवबर को अपने प्रदर्शन को कैंपस से बाहर ले आए. इसी दिन एआईसीटीई में जेएनयू से जुड़ा एक दीक्षांत समारोह हुआ जिसमें छात्रों ने शिक्षा मंत्री पोखरियाल को तय समय से तीन घंटे ज़्यादा तक रोके रखा.
इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अश्वासन दिया कि छात्रों की मांग पर ग़ौर किया जाएगा. इस आश्वासन के बाद डबल कमरा 300 की जगह 150, सिंगल कमरा 600 की जगह 300 और सिक्योरिटी डिपॉज़िट 12,000 की जगह 5500 कर दिया गया. शिक्षा मंत्री के अश्वासन के बाद भी सर्विस चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया.
शिक्षा मंत्री के अश्वासन के बाद किए गए बदलावों के दौरान जेएनयू प्रशासन ने ये भी कहा कि ग़रीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के छात्रों को अलग से छूट दी जाएगी. हालांकि, प्रशासन इस बात का जवाब नहीं दे पा रहा कि वो बीपीएल छात्रों को परिभाषित कैसे करेगा.
आपको बता दें कि डीन के कार्यालय ने 3 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी कर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल मैन्युअल में बदलाव का प्रस्ताव दिया और 28 अक्टूबर को इसे पास कर दिया गया. विरोध इस बात पर शुरू हुआ कि मैन्युअल में बदलाव से जुड़ी प्रक्रिया में जेएनयूएसयू को शामिल नहीं किया गया.
शिक्षा मंत्रालय की ‘हाई पावर कमेटी’ और जेएनयू छात्रों की बैठक से मिली जानकारी में विरोध समाप्त होने को लेकर विरोधाभासी जानकारी सामने आई है. कमेटी ने छात्रों से ये भी कहा है कि वो अपनी सिफारिशें या तो मंत्रालय या यूनिवर्सिटी प्रशासन कों सौंपेगा. दोनों की मुलाकात शुक्रवार को होनी है.