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Friday, 22 November, 2024
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जानें यूपी में कैसे लिखी गई पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की पटकथा

तमाम पत्रकार एसोसिएशन इस गिरफ्तारी की निंदा कर रहे हैं तो वहीं कोई भी बड़ा पुलिस अधिकारी इस पर बोलने से बच रहा है.

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लखनऊ/दिल्ली: सोशल मीडिया पर सीएम योगी पर टिप्पणी के बाद हुई पत्रकार प्रशांत कनौजिया की यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का मामला न्यू मीडिया सहित जमीन पर भी गर्माया हुआ है. दिल्ली में प्रेस क्लब से लेकर संसद मार्ग तक विरोध मार्च निकाला गया. इसमें तमाम पत्रकार एसोसिएशन गिरफ्तारी की निंदा कर रहे हैं तो वहीं कोई भी बड़ा पुलिस अधिकारी इस पर बोलने से बच रहा है. सीएम योगी की ओर से भी इस पर कोई बयान नहीं आया है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में चुप्पी साधने के निर्देश ऊपर से दिए गए हैं. नाम न छापने की शर्त पर सीएम कार्यालय से जुड़े कुछ सूत्रों ने द प्रिंट को बताया कि कैसे प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार करने की रणनीति तैयार की गई.

लखनऊ स्थित लोकभवन में सीएम की सोशल मीडिया सेल की टीम काम करती है. ये टीम मुख्यमंत्री के ट्विटर व फेसबुक अकाउंट हैंडल करती है. इसके अलावा मुख्यमंत्री व यूपी सरकार के बारे में कहां क्या लिखा जा रहा है इसकी भी माॅनिटरिंग होती है. इसमें कंटेंट राइटर, ग्राफिक डिजाइनर व सोशल मीडिया एक्सपर्ट काम करते हैं. ये सेल प्रमुख सचिव सूचना व सूचना निदेशक की निगरानी में काम करती है. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार भी यहीं बैठते हैं. सूत्रों की मानें तो 6 जून को प्रशांत कनौजिया के ट्वीट व फेसबुक पोस्ट की जानकारी इसी टीम ने योगी सरकार के अधिकारियों को दी. आनन-फानन में इन अधिकारियों ने पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद पुलिस की ओर से प्रशांत को फोन किया गया. प्रशांत का नंबर दिल्ली में रहने वाले एक दूसरे पत्रकार से लिया गया. हालांकि सूत्रों का ये भी कहना है कि प्रशांत से शुरुआत में पोस्ट हटाने के लिए भी कहा गया था लेकिन उन्होंने नहीं हटाई.

यूपी पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट

इसके बाद पुलिस द्वारा ही 7 जून को एफआईआर दर्ज की गई. हजरतगंज कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक विकास कुमार की तहरीर पर प्रशांत कनौजिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. जांच अधिकारी इंस्पेक्टर बृजेन्द्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में दिल्ली गई टीम ने प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार कर लिया. प्रशांत की पत्नी के मुताबिक सिविल ड्रेस में पुलिस वाले प्रशांत को लेकर लखनऊ रवाना हो गई. लखनऊ में शनिवार देर शाम हजरतगंज थाने की ओर से प्रशांत की गिरफ्तारी का प्रेस नोट जारी किया गया था.

रिहाई को लेकर दिल्ली में निकाला गया विरोध मार्च

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र वीडियो शेयर करने के मामले में गिरफ्तारी पत्रकारों की रिहाई को लेकर सोमवार को प्रेस क्लब से संसद मार्ग तक प्रोटेस्ट निकाला गया है. ये मार्च टीवी पत्रकारों द्वारा बुलाया गया था. इसे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, विमेन प्रेस कॉर्प्स, साउथ एशियन विमेन मीडिया इन दि मीडिया और प्रेस एसोसिएशन  ने समर्थन दिया है.

प्रशांत कनौजिया की पत्नी ने दि प्रिंट को बताया ‘आज हम सुप्रीम कोर्ट गए थे, इस मामले की सुनवाई कल होगी. हम यही चाह रहे हैं कि उनको जल्द से जल्द बेल मिल जाए और वो सही सलामत घर वापस आ जाएं.’

protest against prashant kanojiya arrest
प्रशांत कनौजिया की रिहाई को लेकर निकाला गया प्रोटेस्ट मार्च| शुभम सिंह

यह पूछने पर कि मीडिया में प्रशांत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने की खबर चल रही है, इस पर जगीशा ने कहा, ‘हमें इस बाबत कुछ ठीक से पता नहीं चल पा रहा है. यूपी पुलिस हमें कुछ क्लियर नहीं बता रही है. हम इस खबर की पुष्टि नहीं करते.’

जागिशा अरोड़ा का कहना है कि इस वीडियो को बहुत सारे लोगों ने यहां तक की मीडिया हाउसेज ने शेयर किया है, लेकिन केवल उनके ही पति को क्यों उठाया गया.

वहीं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनंत बगाईतकर ने कहा, ‘सरकारी तंत्र ने एक तरह से मीडिया के अंदर डर पैदा करने की कोशिश की है. हम शांतिपूर्वक सरकार को कहना चाहते हैं कि इन पत्रकारों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और जो ये एक्शन हुआ है वो मनमर्जी का है.’

बता दें, सोशल मीडिया पर तो तरह-तरह के कैंपेन चल रहे हैं. कुछ में जहां प्रशांत की रिहाई की मांग की जा रही है तो वहीं दूसरे में उसके सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना भी हो रही है. प्रशांत के योगी, बीजेपी व हिंदुत्व से जुड़े पोस्ट व कमेंट वायरल किए जा रहे हैं.

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