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Sunday, 5 May, 2024
होमदेशकैसे बेलगावी में हिंदू लड़की के माता-पिता ने उसके मुस्लिम प्रेमी को मारने के लिए हिंदुत्व एक्टीविस्टों को 'काम' पर रखा

कैसे बेलगावी में हिंदू लड़की के माता-पिता ने उसके मुस्लिम प्रेमी को मारने के लिए हिंदुत्व एक्टीविस्टों को ‘काम’ पर रखा

शुक्रवार को बेलगावी पुलिस ने इस 24 वर्षीय मुस्लिम युवक, जिसका क्षत-विक्षत शव 28 सितंबर को बेलगावी से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे खानपुर में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था, की कथित हत्या में शामिल 10 लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा की.

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बेंगलुरु::  एक हिंदू महिला के परिवार के सदस्यों द्वारा अंतर्धार्मिक संबंधों के विरोध किये जाने के रूप में शुरू हुआ मामला धीरे-धीरे धमकी और फिर जबरन वसूली में बदल गया. अंततः यह उस युवक की बर्बर ‘हत्या’ का कारण बना – अरबाज आफताब मुल्ला की मौत के बारे में बेलगावी पुलिस द्वारा की जा रही जांच में सामने आई बातों का सार यही है.

शुक्रवार को बेलगावी पुलिस ने इस 24 वर्षीय मुस्लिम युवक, जिसका क्षत-विक्षत शव 28 सितंबर को बेलगावी से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटे से कस्बे खानपुर में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था, की कथित हत्या में शामिल 10 लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा की.

गिरफ्तार किए गए लोगों में युवती के माता-पिता – ईरप्पा कुंभार और सुशीला कुंभार – और उनके दो रिश्तेदार शामिल हैं. हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में अतिवादी हिंदुत्ववादी संगठन श्री राम सेना से अलग हुए गुट श्री राम सेना-हिंदुस्तान के खानपुर तालुका अध्यक्ष पुंडलिक मुतागेकर और उसके चार अन्य साथी भी शामिल हैं.

पुलिस जांच से मिली जानकारी के मुताबिक, कुंभार दम्पति ने पहले हिंदुत्व कार्यकर्ताओं की मदद से अरबाज और उसकी मां नजीमा मोहम्मद गौस शेख को डराने-धमकाने की कोशिश की.

बेलगावी के पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण निम्बारागी ने संवाददाताओं को बताया की, ‘26 सितंबर (हत्या से दो दिन पहले) को, अरबाज और उसकी मां को पुंडलिक (मुतागेकर) और लड़की के पिता ने इस जोड़े के बीच के अंतर्धार्मिक संबंधों को पूरी तरह से ख़त्म करने हेतु एक बैठक के लिए बुलाया था.’

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निंबरगी ने आगे बताया, ‘उन्होंने अरबाज का फोन छीन लिया, उसमें की सभी तस्वीरें और वीडियो हटा दिए और उसका सिम कार्ड भी तोड़ दिया. उसके बाद उन्होंने अरबाज से रंगदारी वसूल की और लड़की से दोबारा संपर्क न करने की चेतावनी भी दी. लेकिन इस प्रेमी जोड़े ने आपस में संवाद करना जारी रखा… और (तब) लड़की के माता-पिता ने इस अंतरधार्मिक संबंध को लेकर अरबाज की हत्या करने के लिए पुंडलिक को पैसे देकर राजी किया.’

आरोप है कि कुंभार दम्पति ने कथित तौर पर इस हत्या को अंजाम देने के लिए हिंदुत्व समर्थक कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी.

निंबरगी ने कहा, ‘पुंडलिक और उसके साथियों ने दो दिन बाद अरबाज को एक बार फिर खानपुर बुलाया. उन्होंने उसे धमकाया और उस पर हमला करने से पहले उससे और पैसे भी ले लिए. इस हमले में अरबाज को घातक चोटें आईं और फिर उसकी हत्या कर दी गई. अपने अपराध को छिपाने के प्रयास में, आरोपियों ने अरबाज के शव को रेलवे ट्रैक पर रख दिया ताकि ऐसा लगे कि ट्रेन के उसके ऊपर से गुजरने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई है.’

घटना की जांच में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, ‘हालांकि पुंडलिक एक हिंदुत्ववादी संगठन का पदाधिकारी है, पर हमें अभी यह पता लगाना है कि उसके साथी भी इसी संगठन के हैं अथवा नहीं.’

अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि यह कोई पंजीकृत संगठन नहीं हैं और न ही अपने सदस्यों को कोई पहचान पत्र प्रदान करती है, इसलिए इस बारे में पता लगाने का कोई तरीका नहीं है,’ उन्होंने यह भी कहा कि महिला के माता-पिता और उनके दो और रिश्तेदारों को छोड़कर, बाकी सभी पुंडलिक के जरिए ही इस वारदात से शामिल हुए थे.

28 सितंबर को हुई वारदात से पहले का घटनाक्रम

26 सितंबर को पुंडलिक और युवती के पिता द्वारा कथित रूप से डराए-धमकाए जाने और जबरन वसूली किए जाने के बाद, अरबाज और उसकी मां डरे-सहमे से बेलागवी लौटे थे.

नजीमा ने पहले दिप्रिंट को बताया था कि आरोपियों ने उस दिन उनसे 7,000 रुपये मांगे थे लेकिन अरबाज ने उन्हें केवल 500 रुपये दिए. नजीमा बताती हैं ‘इसके बाद उन्होंने हमें अपना फोन नंबर देकर जी पे या फोनपे के जरिए पैसे भेजने के लिए कहा.’

नजीमा ने कहा कि अगले दो दिनों तक अरबाज को पुंडलिक और उसके साथियों के पैसे मांगते हुए फोन आते रहे.

एक दूसरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, ‘28 सितंबर को अरबाज ने अपनी कार बेच दी और इस से उसे 90,000 रुपये मिले, जिसमें से 15,000 रुपये उसने दलाली के भुगतान में दे दिया. मंगलवार को जब वह घर से निकला तो उसके पास 75,000 रुपये थे और वह बेपारी नाम के शख्श के इस आश्वासन पर पुंडलिक से मिलने गया कि अगर वह पैसे दे देता है तो उसे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा.‘

यह अधिकारी एक मुस्लिम व्यक्ति कुतुब-उद-दीन अल्लाहबख्श बेपारी का जिक्र कर रहे था, जिसकी भी कथित रूप से इस अपराध में अहम् भूमिका थी. वह इस मामले में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में भी शामिल है.

इस दूसरे अधिकारी का कहना है, ‘सिर्फ बेपारी द्वारा दिए गए सुरक्षा के आश्वासन की वजह से ही अरबाज अपनी हत्या वाले दिन पुंडलिक मुतागेकर से मिलने के लिए निकला था. अगर मुतागेकर ने खुद उसे बुलाया होता तो अरबाज ने कभी बेलगावी नहीं छोड़ा होता. बेपारी ने अरबाज से कहा था कि वह भी उसी की ‘जमात’ से ताल्लुक रखते हैं और उसकी पूरी तौर पर सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.‘

नजीमा ने पहले कहा था कि अरबाज ने अपने दो कीमती फोन इस डर से अपनी दादी के पास छोड़ दिए थे कि जब वह पुंडलिक से मिले तो हो सकता है उन्हें छीन लिया जाये.

पुलिस सूत्रों के अनुसार उस दिन अरबाज को बेलगावी से खानपुर बुलाया गया था, जहां उसकी मुलाकात पुंडलिक से हुई, जो कथित तौर पर अपने साथियों के साथ उसका इंतजार कर रहा था.


यह भी पढ़ें : बेलगावी में मुस्लिम व्यक्ति की हत्या श्री राम सेना शाखा के सदस्य, हिंदू महिला के माता-पिता ने की: पुलिस


ऊपर उद्धृत प्रथम पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अरबाज को एक मारुति ओमनी में जबरदस्ती ले जाये जाने से पहले उसके हाथ बांधे गए थे. इसके बाद हत्यारों ने उससे पैसे लिए और फिर उसकी मौत हो जाने तक उसके साथ मारपीट करते रहे. बाद में वे उसके शव को उसी गाड़ी में रेलवे ट्रैक पर ले गए और इसे दुर्घटना या आत्महत्या का रूप देने के लिए वहां रख दिया.’

जैसा कि श्री राम सेना हिंदुस्तान संस्थापक रमाकांत कोंडुस्कर ने दिप्रिंट को बताया था, उनके संगठन ने पहले इस मारुति ओमनी को कोविड -19 महामारी के दौरान कोविड से मरने वालों को मुफ्त अंतिम संस्कार की सेवाएं प्रदान करने के लिए एक अस्थायी एम्बुलेंस में बदल दिया था.

पुलिस जांच से प्राप्त अन्य विवरण

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुंडलिक मुतागेकर का पहले से भी छोटे-मोटे मामलों और सांप्रदायिक दंगों सहित अन्य आरोपों का आपराधिक इतिहास रहा है. परन्तु अतीत में वह कभी भी इतनी गंभीर प्रकृति के अपराध में शामिल नहीं रहा है.

पुलिस ने इस मामले में हिंदू युवती की संलिप्तता से इनकार किया है और उसके अनुसार गहन जांच से पता चला है कि उसे उसके माता-पिता की योजना के बारे में अंधेरे में रखा गया था.

बेलगावी के एसपी निंबरगी ने कहा कि पुलिस को अभी तक महिला के माता-पिता और किराए के हत्यारों के बीच हुए वित्तीय लेनदेन का पूरा लेखा-जोखा नहीं मिला है. अभी भी इस मामले के अन्य पहलुओं, जैसे प्रत्येक आरोपी के आपराधिक इतिहास की जांच, की जा रही है.

हालांकि इस मामले में पहली बार 29 सितंबर को अरबाज की मां नजीमा द्वारा रेलवे पुलिस में दर्ज की गई शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, पर जब 4 अक्टूबर यह मामला बेलगावी पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था तो इसमें एक और नई प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

इस मामले में बेलगावी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना) के अलावा कॉलम 34 (एकसमान इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा मिलकर किए गए कार्य) के सहित 341 (गलत तरह से बंधक बनाये जाने), 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 384 (जबरन वसूली), 388 (धमकी देकर जबरन वसूली) कॉलम 149 (गैरकानूनी सभा के किसी भी सदस्य द्वारा किया गया अपराध) और शस्त्र अधिनियम के साथ लगने वाली धारा 26 (किसी भी निषिद्ध हथियार या निषिद्ध गोला-बारूद का उपयोग करना) की अतिरिक्त धाराएं जोड़ी हैं.

‘उन सब को फांसी होनी चाहिए’

इन आरोपियों की गिरफ्तारी की घोषणा के बाद दिप्रिंट से बात करते हुए अरबाज की मां नजीमा ने कहा कि वह इस मामले में तेजी से सुनवाई और सजा दिए जाने की उम्मीद कर रही हैं.

नजीमा ने कहा, ‘इन सभी को फांसी दी जानी चाहिए. उन्होंने मेरे बेटे को अत्यंत बर्बर तरीके से मार डाला और इसके लिए उन्हें अपने जान देकर दंड भुगतना चाहिए. जब तक सभी आरोपियों को मौत की सजा नहीं मिल जाती, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगी.’

47-वर्षीया नजीमा अपने बेटे की हत्या के बाद से ही बीमार चल रही हैं और इस अवधि में दो बार अस्पताल में भर्ती होकर वापस आ चुकी हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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