बेंगलुरू: 25 दिन हो गए हैं जब पूर्व मिस केरल रनर-अप अंजना शाजान, और पूर्व मिस साउथ इंडिया अंसी कबीर की कोच्चि में एक कार हादसे में मौत हो गई थी. लेकिन उनके परिवारों को अभी भी, अपने सवालों के जवाब का इंतज़ार है.
वो कार जिसमें 1 नवंबर को अंजना, अंसी, उनका दोस्त मौहम्मद आशिक़, और ड्राइवर अब्दुल रहमान सफर कर रहे थे, चक्करापरंबू में नेशनल हाईवे 66/अर्नाकुलम बाइपास मार्ग पर, एक दो-पहिया वाहन से लड़ने के बाद पेड़ से टकरा गई. पिछली सीट पर बैठीं अंसी और अंजना की मौक़े पर ही मौत हो गई, जबकि आशिक की मौत गंभीर घावों के चलते, एक हफ्ते के बाद हो गई.
रहमान, जो कथित रूप से शराब पीकर गाड़ी चला रहा था, घायल तो हुआ लेकिन इस तेज़ टक्कर में ज़िंदा बच गया. कोच्चि पुलिस ने 8 नवंबर को उसे शराब पीकर उतावले ढंग से गाड़ी चलाने, ग़ैर-इरादतन हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में उसे ज़मानत पर छोड़ दिया.
शुरू में इसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से हुई, एक घातक दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन पिछले दो सप्ताह में केस ने कई मोड़ ले लिए हैं, जिससे पीड़ितों के परिवार इसकी गहराई से जांच की मांग कर रहे हैं.
अंजना के भाई अर्जुन ने दिप्रिंट से कहा, ‘या तो मुझे या मेरे पिता को हर समय मां के आसपास रहना पड़ता है. हमें डर है कि इस असहनीय दुख में वो ख़ुद को कुछ नुक़सान पहुंचा बैठेंगी. हमें मेरी बहन के लिए इंसाफ चाहिए’.
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घटनाओं की समयरेखा
केस से जुड़े रहस्य की परतें तब खुलनी शुरू हुईं, जब पुलिस ने हादसे से पहले की घटनाओं पर नज़र डालना शुरू किया. रहमान के एक बयान ने कि आउडी कार में बैठा एक व्यक्ति उनकी गाड़ी का पीछा कर रहा था, इन अटकलों को और बल दे दिया, कि ‘हादसा’ सिर्फ वो नहीं था जो दिख रहा था.
31 अक्तूबर को, अंसी और अंजना एक पार्टी में शरीक होने के लिए, कोच्चि के एक होटल में गईं. शाम 7.30 बजे होटल में दाख़िल होने की उनकी तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हैं, लेकिन उसके बाद की फुटेज ग़ायब है.
जांच टीम के साथ बैठकर सीसीटीवी वीडियो की समीक्षा करने के बाद, अर्जुन ने याद करते हुए कहा, ‘शाम 7.30 बजे उनके दाख़िल होने के बाद से, क़रीब 9.30 बजे रात तक की सीसीटीवी फुटेज ग़ायब है’.
अर्जुन ने आगे कहा, ‘रात 9.30 बजे से आधी रात 12.02 बजे के बीच, अंजना को शराब पेश की गई लेकिन उसने मना कर दिया. 12.02 बजे के बाद पार्किंग स्थल की फुटेज भी ग़ायब है’.
पिछले हफ्ते, अंसी के परिवार ने पुलिस से जांच करने की गुहार लगाई, कि फुटेज को क्यों मिटाया गया.
17 नवंबर को लंबी पूछताछ के बाद, होटल मालिक रॉय जे वयालत ने पुलिस के सामने स्वीकार किया, कि उसने पार्टी हॉल में लगे सीसीटीवी के डिजिटल वीडियो रिकॉर्ड (डीवीआर) को नष्ट कर दिया था.
पुलिस का दावा है कि वयालत ने बताया, कि उसने अपने दोस्त शायजू थंकाचन (जो आउडी चला रहा था) को, पीड़ितों की गाड़ी का पीछा करने के लिए भेजा था, ताकि उन्हें ‘शराब के नशे में ड्राइविंग करने से रोक सकें’. वयालत ने पुलिस को ये भी बताया, कि पार्टी में शरीक होने वाले कुछ लोगों ने, मॉडल्स को वहीं रुकने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और वहां से निकल गईं.
वयालत को 17 नवंबर को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अगले ही दिन उसे अपने पांच कर्मचारियों समेत ज़मानत पर छोड़ दिया गया. थंकाचन ने भी 18 नवंबर को केस में अग्रिम ज़मानत हासिल कर ली, हालांकि उसे अभियुक्त नहीं बनाया गया था.
पुलिस को दिए गए अपने शुरुआती बयान में, थंकाचन ने कहा कि वो किसी अनहोनी को रोकने की कोशिश कर रहा था, और हादसा पेश आते ही उसने फौरन वयालत को कॉल किया था.
इस बीच, वयालत के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया, कि उन्होंने डीवीआर को नष्ट कर दिया और उनके निर्देश पर हार्ड डिस्क को, थेवारा पर बने कन्नमगट्टू पुल के ऊपर से पानी में फेंक दिया था.
केस की कड़ियां जोड़ने की कोशिश
हार्ड डिस्क की तलाश के लिए कोच्चि पुलिस ने भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड, और कोस्टल पुलिस की सहायता ली. कई दिन से तलाश अभियान चल रहा है, लेकिन अंडरवॉटर कैमरों से लैस ग़ोताख़ोरों की टीम को, अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है.
फुटेज नष्ट करने की वयालत की कोशिश ने इन अटकलों को जन्म दे दिया है, कि इस मामले में कुछ प्रभावशाली लोगों के फंसे होने पर, पर्दा डालने की कोशिश की गई है.
अर्जुन ने कहा, ‘पार्किंग स्थल की फुटेज ग़ायब है. हो सकता है कि वहां भी कुछ कहा-सुनी हुई हो. मुझे नहीं मालूम. पुलिस को दिए अपने बयान में अब्दुल ने कहा, कि शायजू ने जो उनकी कार का पीछा कर रहा था, कुण्डान्नूर के पास उनकी गाड़ी को रोका था, और दोनों महिलाओं को ज़बर्दस्ती अपने साथ ले जाना चाहता था. शायद इसके पीछे यौन संबंध बनाने की मंशा रही हो, लेकिन महिलाओं ने उसके साथ जाने से मना कर दिया. इसकी जांच किए जाने की ज़रूरत है’.
नवंबर के तीसरे सप्ताह में केस को अपराध शाखा को सौंप दिया गया.
पिछले मंगलवार पत्रकारों से बात करते हुए, कोच्चि पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है, कि पार्टी में कुछ बड़े लोग तो शामिल नहीं थे, और उन्होंने माना कि बहुत से सवालों के जवाब मिलने बाक़ी हैं.
अर्जुन ने कहा, ‘अगर अब्दुल रहमान शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था, तो उसे सज़ा मिलनी चाहिए. अगर शायजू कार का पीछा कर रहा था, और उसने एक्सीडेंट किया तो उसे भी सज़ा होनी चाहिए…लेकिन दोनों आज़ाद घूम रहे हैं, और मेरी बहन चली गई. अभियुक्त खुले घूम रहे हैं, और हम इंसाफ के इंतज़ार में बैठे हैं’.
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