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मंगलवार, 17 जून, 2025
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पिता और बेटे ने कैसे साथ मिलकर हासिल की अनोखी उपलब्धि — दोनों हुए यूपी पुलिस में कांस्टेबल

हापुड़ जिले के एक गांव के निवासी यशपाल और शेखर नागर को रविवार को लखनऊ में एक नियुक्ति समारोह में एक साथ नियुक्ति पत्र मिले.

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कानपुर: उत्तर प्रदेश के उदयरामपुर नगला गांव के पिता-बेटे दोनों ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा एक साथ पास की और दोनों राज्य पुलिस बल में सिलेक्ट हो गए हैं.

40 साल के यशपाल नागर और उनके 21 साल के बेटे शेखर नागर को रविवार को लखनऊ में एक नियुक्ति समारोह में एक साथ नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ.

उनकी इस उपलब्धि पर धौलाना तहसील के गांव में खुशी की लहर दौड़ गई, जहां ग्रामीणों ने उनका माला पहनाकर और धूमधाम से स्वागत किया.

यशपाल नागर 2003 में सेना आयुध कोर में शामिल हुए और 16 साल की सेवा के बाद 2019 में सेवानिवृत्त हुए. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे शेखर के साथ पुलिस भर्ती परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. 2024 में दोनों ने एक ही परीक्षा दी और पास हो गए.

शेखर ने बताया कि वह और उनके पिता गांव की लाइब्रेरी में लगातार पढ़ाई करते थे. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “हम दोनों ने मिलकर कड़ी मेहनत की. पापा के अनुशासन और मेरे तकनीकी नोट्स ने बूते हम दोनों परीक्षा पास करने में सफल रहे.”

शेखर ने यह भी बताया कि वह दो साल से अधिक समय से यूपी पुलिस, सिविल डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) और सब-इंस्पेक्टर परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. उनकी मां गृहिणी हैं, उनकी बहन पढ़ाई कर रही हैं और उनके छोटे भाई ने 12वीं पास कर ली है.

सामाजिक संगठन हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने कहा कि यह उपलब्धि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी लाल वाजपेयी की याद दिलाती है, जिन्होंने 1945 में लॉ कॉलेज में एक ही क्लास में पढ़ाई की थी.

शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, “1945 में जब अटल जी एलएलबी की पढ़ाई करने के लिए कानपुर के डीएवी कॉलेज पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि उनके पिता ने भी उसी क्लास में एडमिशन लिया था. अटल जी और उनके पिता एक ही हॉस्टल के कमरे में रहते थे और एक ही क्लास में पढ़ते थे.”

उन्होंने कहा, “अगर उनके पिता कभी देर से आते तो प्रोफेसर मजाक में पूछते, ‘तुम्हारे पिता कहां हैं?’ और अगर अटल जी अनुपस्थित होते तो उनके पिता से पूछा जाता, ‘तुम्हारे साहबजादे आज नहीं आए?’ आखिरकार अटल जी एक अलग सेक्शन में चले गए.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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