चेन्नई, 30 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने बृहस्पतिवार को आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंदिर जाना या कन्याकुमारी में ध्यान लगाना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल चुनाव में हार के डर के कारण ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल केवल प्रधानमंत्री का विरोध करने के लिए इस तरह के आधारहीन तर्क दे रहे हैं।
मुरुगन ने पूछा, ‘‘प्रधानमंत्री का कन्याकुमारी में मंदिर जाना और विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कैसे हो सकता है?’’
केंद्रीय मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी दल चुनाव में हार के डर से घबरा गए हैं और इसलिए वे इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
मुरुगन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को ध्यान साधना करने से कौन रोक सकता है? यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता भी कई आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल रही थीं। उन्होंने मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया था और मंदिरों में भी गई थीं।’’
उन्होंने दावा किया कि अन्नाद्रमुक की पूर्व प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का भी समर्थन किया था।
भाजपा नीत राजग में शामिल पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) संस्थापक डॉ. एस रामदॉस ने मोदी के इस कदम को उचित ठहराया और कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कन्याकुमारी में ध्यान लगाने में कुछ भी गलत नहीं है।
इस बीच, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की छात्र इकाई के अध्यक्ष आर राजीव गांधी ने कहा कि हालांकि ध्यान साधना करना प्रधानमंत्री मोदी का अधिकार है, लेकिन उनके कार्यों से पर्यटकों, स्थानीय मछुआरों और व्यापारियों पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा के कारण जहां मछुआरे तीन दिन तक मछली नहीं पकड़ पाएंगे तो वहीं कन्याकुमारी में व्यापार और पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध से लगभग 50 हजार लोग प्रभावित होंगे जो अपनी आजीविका के लिए पर्यटकों पर निर्भर हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार की शाम यहां प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक चलने वाली अपनी ध्यान साधना शुरू की।
निकटवर्ती तिरुवनंतपुरम से हेलीकॉप्टर द्वारा यहां पहुंचने के बाद मोदी ने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा की और नौका सेवा के जरिये रॉक मेमोरियल पहुंचे तथा ध्यान लगाना शुरू किया। प्रधानमंत्री की ध्यान साधना एक जून तक चलेगी।
भाषा
देवेंद्र वैभव
वैभव
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