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Thursday, 30 October, 2025
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बंधक प्रकरण : महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री केसरकर ने कहा, रोहित आर्य को दी थी आर्थिक मदद

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मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने रोहित आर्य को वित्तीय मदद दी थी।

मुंबई के पवई इलाके में एक स्टूडियो के अंदर बंधक बनाए गए 17 बच्चों और दो व्यक्तियों को मुक्त करा लिया गया और इस अभियान के दौरान पुलिस गोलीबारी में घायल हुए आरोपी आर्य ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया।

शिवसेना नेता ने कहा कि आर्य (50) शिक्षा विभाग द्वारा संचालित एक पहल में परियोजना निदेशक था और उसने एक वेबसाइट के माध्यम से स्कूली छात्रों से पैसे लिए और विभाग ने इस पर आपत्ति जताई थी।

आर्य ने शिक्षा विभाग से अपने ‘लंबित बकाये’ के लिए पिछले साल पुणे में विरोध प्रदर्शन किया था।

केसरकर ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने आर्य से मुलाकात की थी और आर्य की शिकायत के बाद उसे वित्तीय मदद की पेशकश भी की थी।

स्कूल शिक्षा विभाग के 25 जनवरी, 2024 के सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, आर्य ‘प्रोजेक्ट लेट्स चेंज’ का निदेशक था, जिसने 20 जुलाई से दो अक्टूबर, 2023 तक ‘स्वच्छता मॉनिटर’ पहल का संचालन किया था।

इस पहल के तहत, स्कूली छात्रों को स्वच्छता निरीक्षक के रूप में कार्य करना था और लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और कूड़ा-कचरा फैलाने से रोकना था। लगभग 64,000 स्कूलों और 59 लाख छात्रों ने इसमें भाग लिया था।

इस पहल का दूसरा चरण ‘मुख्यमंत्री माझी शाला, सुंदर शाला’ योजना के तहत चलाया गया, जिसके लिए 20.63 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इसमें से दो करोड़ रुपये ‘स्वच्छता मॉनिटर’ चरण दो के लिए स्वीकृत किए गए, जिसका संचालन आर्य कर रहा था।

केसरकर ने कहा, ‘‘मैंने किसी का भुगतान नहीं किया। मैंने शिष्टाचार के नाते चेक के जरिए उसकी मदद की। विभाग का मानना ​​है कि उसने एक वेबसाइट बनाकर सीधे छात्रों से पैसे लिए। विभाग ने उससे स्पष्टीकरण मांगा, जो जरूरी था।’’

पूर्व मंत्री ने कहा कि आर्य सरकार से पैसे की मांग कर सकते थे और छात्रों से पैसे लेने के लिए स्पष्टीकरण दे सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उससे तब मिला था जब वह स्वच्छता अभियान चलाते थे।’’

पुलिस के हस्तक्षेप से पहले जारी किए गए एक वीडियो में आर्य ने कहा कि उसने एक योजना के तहत बच्चों को बंधक बनाया है, और वह बस कुछ लोगों से ‘‘बातचीत’’ करना और उनसे सवाल पूछना चाहता है।

आर्य ने पिछले साल अपने बकाया भुगतान के लिए पुणे में ‘‘अनिश्चितकालीन हड़ताल’’ की थी और इस दौरान उसे मिर्गी का दौरा पड़ा और वहां मौजूद लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया था।

उसकी पत्नी अंजलि आर्य ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि उसके पति अपनी परियोजना के लिए लंबित भुगतान पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया था, ‘‘वह पीएलसी स्वच्छता मॉनिटर के परियोजना प्रमुख थे। केसरकर साहब को यह परियोजना पसंद आई और उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इसके लिए दो करोड़ रुपये मंजूर कर रही है। परियोजना पूरा हो गई, लेकिन रोहित को कोई पैसा नहीं दिया गया।’’

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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