रायपुर, 26 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में मीसा बंदियों की सम्मान निधि फिर से शुरू होगी।
साय से संबद्ध विभागों के लिए आज विधानसभा में 8,421 करोड़ 82 लाख आठ हजार रुपये की अनुदान मांगें चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दी गई।
मुख्यमंत्री ने अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में मीसा (आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम) बंदियों की सम्मान निधि फिर से प्रारंभ की जाएगी।
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद 2019 में राज्य सरकार ने मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि को बंद कर दिया था।
राज्य में मीसा बंदियों (लोकतंत्र सेनानी) को तीन अलग श्रेणी में 10 हजार से 25 हजार रुपये तक सम्मान निधि दी जाती है।
लोकतंत्र सेनानी संघ के पदाधिकारी सच्चिदानंद उपासने ने बताया कि देश में आपातकाल (1975 से 1977) के दौरान राज्य में तीन माह तक जेल में रहने वाले लोकतंत्र सेनानी को 10 हजार रुपये, छह माह तक जेल में रहने वाले को 15 हजार रुपये तथा छह माह से अधिक जेल में रहने वाले लोकतंत्र सेनानी को 25 हजार रुपये सम्मान निधि दी जाती रही है।
उपासने ने बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा यह सम्मान निधि बंद किए जाने के बाद संघ ने इस फैसले को अदालत में भी चुनौती थी।
चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर देश के बच्चे-बच्चे को भरोसा है। उन्होंने जो भी वादे देश की जनता से किये, वे पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने जो गारंटी छत्तीसगढ़ की जनता को दी थी उसमें बहुत-सी महत्वपूर्ण गारंटी को हमने तीन महीनों में ही पूरा कर लिया है।
साय ने कहा, ‘‘18 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास देने के लिए हमने राज्यांश की व्यवस्था कर ली है। हमने किसानों को धान बोनस की दो साल की बकाया राशि 3,716 करोड़ रुपये दी है। हमने किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी है। किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से धान की कीमत देंगे। किसानों को अभी समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है। जल्द ही उन्हें अंतर की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं से वादा किया था कि पीएससी भर्ती में हुई शिकायतों की जांच कराएंगे। इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। मोदी जी की गारंटी के अनुरूप महतारी वंदन योजना के तहत विवाहित महिलाओं को सालाना राशि 12 हजार रुपये देने के लिए हम महिलाओं से आवेदन ले रहे हैं।’’’
भाषा संजीव गोला
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