(कंपनी के नाम में सुधार के साथ)
कोच्चि (केरल), आठ फरवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर रोक लगाने के केन्द्र के फैसले को मंगलवार को बरकरार रखते हुए कहा कि गृह मंत्रालय का चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी नहीं देना सही है।
न्यायमूर्ति एन. नागरेश राव ने अपने इस आदेश को कुछ दिन के लिए स्थगित करने से भी इनकार कर दिया, जिससे चैनल उसके खिलाफ अपील कर पाता।
अदालत ने कहा कि मामला सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण वह ऐसी कोई राहत नहीं दे सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अंतरिम आदेश को एक घंटे के लिए भी मुलतवी नहीं रख सकता, क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।’’
न्यायमूर्ति राव ने ‘माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें केन्द्र सरकार के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती दी गई थी। ‘माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ ही ‘मीडिया वन’ चैनल का संचालन करती है।
अदालत ने 31 जनवरी को केन्द्र के आदेश पर दो दिन तक रोक लगा दी थी। दो फरवरी को उसे सात फरवरी तक बढ़ा दिया था और तब उसे फिर एक दिन के लिए और बढ़ा दिया था।
न्यायमूर्ति एन. नागरेश राव ने कहा, ‘‘ गृह मंत्रालय द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को देखने के बाद, मैंने पाया कि मंत्रालय ने विभिन्न खुफिया एजेंसी से रिपोर्ट मांगी थी और उसके आधार पर अधिकारियों की एक समिति ने सुरक्षा मंजूरी को नहीं बढ़ाने का फैसला किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ गृह मंत्रालय ने सभी तथ्यों पर गौर किया और अधिकारियों की समिति की सिफारिश को स्वीकार किया। दस्तावेजों पर गौर करते हुए, मैंने पाया कि ऐसे तथ्य हैं जो गृह मंत्रालय के फैसले को सही ठहराते हैं।’’
अदालत ने संपादक सहित चैनल के कर्मचारियों और एक ट्रेड यूनियन द्वारा चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को भी खारिज कर दिया।
केन्द्र ने याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि एक बार मिली सुरक्षा मंजूरी हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती।
सहायक सॉलिसिटर जनरल वी. मनु ने अदालत से कहा था कि ट्रेड यूनियन और कर्मचारियों की याचिकाएं सुनवाई के लिए योग्य नहीं हैं, क्योंकि मामला केन्द्र सरकार और कम्पनी के बीच का है।
केन्द्र सरकार ने पहले अदालत को बताया था कि गृह मंत्रालय ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताओं के मद्देनजर ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। वहीं, चैनल ने कहा था कि गृह मंत्रालय की मंजूरी केवल नई अनुमति/लाइसेंस के समय जरूरी थी, नवीनीकरण के समय नहीं।
चैनल ने कहा था कि ‘अपलिंकिंग’ और ‘डाउनलिंकिंग’ दिशानिर्देशों के अनुसार, सुरक्षा मंजूरी केवल नई अनुमति के लिए आवेदन करते समय जरूरी थी, न कि लाइसेंस के नवीनीकरण के समय।
यह पहला मौका नहीं है, जब चैनल को अपने संचालन पर इस तरह की रोक का सामना करना पड़ा हो।
‘मीडिया वन’ और एक अन्य मलयालम समाचार चैनल ‘एशियानेट’ को 2020 में दिल्ली में कथित साम्प्रदायिक हिंसा की उनकी ‘कवरेज’ को लेकर 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया था।
भाषा निहारिका अनूप
अनूप शाहिद
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