नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जो कि कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद 17 अगस्त से ही एम्स में भर्ती हैं, पिछले एक हफ्ते में उनके दो बार टेस्ट हुए हैं जिनमें वो निगेटिव पाए गए हैं. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.
सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि अस्पताल में शाह ने खुद को क्वारेंटाइन किया हुआ है और वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं. सूत्र ने कहा, ‘वो ठीक हैं. डॉक्टरों द्वारा उनके स्वास्थ्य पर नज़र रखी जा रही है. दो बार उनकी जांच हुई जिसमें वो निगेटिव पाए गए.’
सूत्र ने कहा, ‘अस्पताल से ही वो फाइलों को देख रहे हैं और उनपर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं.’
2 अगस्त को अमित शाह कोरोना पॉजिटिव हुए थे जिसके बाद गुरूग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में वह 12 दिनों तक भर्ती थे. अस्पताल से वापस घर आने के तीन बाद यानि 17 अगस्त को उन्हें बैचेनी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया. तब से वह एम्स में ही हैं.
18 अगस्त को एम्स द्वारा जारी बयान में कहा गया कि बदन दर्द और थकान के कारण उन्हें पोस्ट कोविड केयर के लिए भर्ती कराया गया है. गौरतलब है कि उसके बाद बीते एक सप्ताह में न ही अस्पताल और न गृह मंत्रालय की तरफ से उनकी सेहत के बारे में कोई जानकारी दी गई है.
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परिवार ने अस्पताल में ही क्वारेंटाइन होने के लिए कहा
सूत्रों के मुताबिक, शाह के परिवार ने ही सुझाव दिया था कि उन्हें अस्पताल में ही क्वारेंटाइन किया जाए ताकि स्वास्थ्य जोखिम कम बना रहे.
सूत्र ने कहा, ‘हालांकि वो ठीक हैं. उनके परिवार के सदस्यों ने सूझाव दिया था कि उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में ही अस्पताल में रखा जाए जब तक कि उनका आइसोलेशन पीरियड खत्म नहीं हो जाता. पहले जब वो डिस्चार्ज हुए थे उसके बाद उन्हें कुछ दिक्कतें आई थी, इसलिए परिवार कोई जोखिम नहीं लेना चाहता.’
वरिष्ठ भाजपा नेता शाह को डायबिटीज की भी शिकायत है. जो कि एक को-मोर्बिडिटी है.
उक्त सूत्र ने कहा कि अस्पताल से ही काम संभालने के अलावा शाह दिन में एक बार एम्स परिसर में ही टहलते हैं.
सूत्र ने कहा, ‘वह रोज़ एक बार टहलते हैं और अपना काम करते हैं. अब उन्हें बैचेनी की कोई दिक्कत नहीं आ रही है. उन्हें अस्पताल में भर्ती करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि उन्हें किसी भी समय कोई दिक्कत न आए. आइसोलेशन पीरियड खत्म होने बाद उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा.’
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