scorecardresearch
Thursday, 26 December, 2024
होमदेशलोकतंत्र की यात्रा के अंदर आरटीआई एक्ट मील का पत्थर : गृहमंत्री शाह

लोकतंत्र की यात्रा के अंदर आरटीआई एक्ट मील का पत्थर : गृहमंत्री शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम में बताया कि केदारनाथ धाम के नए स्वरूप का निर्माण हो रहा है. वहां घाटी में ऑल वेदर रोड बन रही हैं, लेकिन वहां की पूरी निगरानी ड्रोन के माध्यम से ऑनलाइन हो रही है.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग के 14 वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र की यात्रा के अंदर आरटीआई एक्ट बहुत बड़ा ‘मील का पत्थर’ है. हमारी निरंतर चलने वाली लोकतांत्रिक यात्रा का एक मील का पड़ाव है. पिछले 14 साल में आरटीआई एक्ट के कारण जनता और प्रशासन के बीच की खाई को पाटने में बहुत मदद मिली है और जनता का प्रशासन व व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘जिस प्रकार से आरटीआई एक्ट की कल्पना की गई होगी उसे लगभग अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में हमारा देश सफल रहा है.’

‘आरटीआई एक्ट का मूल प्रावधान व्यवस्था के अंदर जनता का विश्वास खड़ा करना है. ये विश्वास जनता में जागृत करना यही इस कानून का प्रमुख उद्देश्य है.’

‘पारदर्शिता और जवाबदेही ये दोनों ऐसे अंग हैं जिसके आधार पर ही अच्छा प्रशासन और सुशासन हम दे सकते हैं. पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों को आगे बढ़ाने के लिए आरटीआई एक्ट ने बहुत बड़ी सहायता की है.’

गृहमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ने कहा, ‘हमारे देश में जरूरी था कि लोगों का विश्वास शासन व व्यवस्था में बने और लोगों की सहभागिता भी व्यवस्था के अंदर आए.’

‘आजादी के पहले प्रशासन का उद्देश्य अपने आकाओं की इच्छा की पूर्ति करना था, इसके कारण बड़े कालखंड में जनता और प्रशासन के बीच बड़ी खाई बन गई थी.’

उन्होंने कहा कि 1990 तक केवल 11 ही देशों में आरटीआई का कानून था और सूचना का अधिकार प्राप्त था. वैश्वीकरण, आर्थिक उदारीकरण और तकनीक इनोवेशन के युग की शुरुआत होते ही ये संख्या बढ़ने लगी.आरटीआई के कारण कई देशों में अच्छे प्रशासनिक बदलाव देखने को मिले हैं जिसमें भारत भी एक देश है.

भारत ऐसा देश जो नीचे तक सूचना तंत्र रचना करने में सफल हुआ

गृहमंत्री ने कहा, ‘भारत विश्व में पहला ऐसा देश है जो नीचे तक सूचना तंत्र की रचना करने में सफल हुआ है और एक जवाबदेह सूचना तंत्र का गठन कर पाया है. केंद्रीय सूचना आयोग से लेकर हर राज्य में सूचना आयोग की स्थापना की गई है. इस अधिनियम के तहत लगभग 5 लाख से ज्यादा सूचना अधिकारी इस कानून का निर्वहन कर रहे हैं.’

‘आरटीआई एक्ट अन्याय रहित सुशासन देने की दिशा में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था खड़ी करने में अच्छा प्रयास है.अधिकारों के अतिक्रमण को नियंत्रित करने में भी आरटीआई ने अपनी पूरी भूमिका निभाई है.’

गृहमंत्री ने कहा, ‘दुनियाभर की सरकारें सूचना के अधिकार का कानून बना के रुक गई है. लेकिन भारत में ऐसा नहीं है.’

शाह ने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी सरकार में हम ऐसा प्रशासन देना चाहते हैं कि सूचना अधिकार के आवेदन कम से कम आए. लोगों को आरटीआई का उपयोग करने की जरूरत ही न पड़े ऐसी व्यवस्था हम देना चाहते हैं. स्थिति ऐसी बने कि लोगों को आरटीआई लगाने की जरूरत ही न पड़े, बल्कि सरकार खुद सामने आकर सूचनाएं दे, ऐसी व्यवस्था हो.’

केदारनाथ धाम के नए स्वरूप की निगरानी ड्रोन के माध्यम से

गृहमंत्री ने कार्यक्रम में केंदारनाथ धाम का जिक्र करते हुए कहा,’अभी केदारनाथ धाम के नए स्वरूप का निर्माण हो रहा है. वहां घाटी में ऑल वेदर रोड बन रही हैं.आपको आश्चर्य लगेगा लेकिन वहां की पूरी निगरानी ड्रोन के माध्यम से ऑनलाइन हो रही है’.

उन्होंने कहा कि,’सूचना का अधिकार का जब कानून बना तब ढेर सारी आशंकाएं व्यक्त की जाती थी. 2016 में जब कानून की स्टडी मैंने की तो मुझे भी लगा की इसका दुरुपयोग हो सकता है,लेकिन आज हम कह सकते हैं कि दुरुपयोग बहुत कम हुआ है और सदुपयोग बहुत ज्यादा हुआ है’.

गृहमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों का बताया कि डेशबोर्ड के माध्यम से एक नए पारदर्शी युग की शुरुआत मोदी सरकार ने की है.स्वच्छ भारत के तरह कितने शौचालय बने इसके लिए आरटीआई की जरूरत नहीं है, डेशबोर्ड में सरपंच देख सकता है उसके गांव में कितने शौचालय कब तक बनने वाले हैं.सौभाग्य योजना के तहत लोग डेशबोर्ड में ये देख सकते हैं कि उसके घर में बिजली कब लगने वाली है.

share & View comments