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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशविपक्षी भले ही एकजुट हो जाएं, सीएए पर अपने फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी भाजपा: अमित शाह

विपक्षी भले ही एकजुट हो जाएं, सीएए पर अपने फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी भाजपा: अमित शाह

गृहमंत्री शाह राजस्थान में जोधपुर के कमला नेहरू नगर में सीएए के समर्थन में पार्टी की जनजागरण सभा को संबोधित कर रहे थे.

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जोधपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सीएए के मसले पर विपक्ष को चुनौती देते हुए इससे एक भी इंच पीछे न हटने की बात कही. उन्होंने कहा कि विपक्ष सीएए पर भले ही एकजुट हो जाए भाजपा सीएए पर अपने फैसले से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. शाह ने इस दौरान कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया.

शाह यहां कमला नेहरू नगर में सीएए के समर्थन में पार्टी की जनजागरण सभा को संबोधित कर रहे थे.

शाह ने कहा, ‘चाहे सारे विपक्षी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एकजुट हो जाएं, लेकिन भाजपा अपने इस फैसले पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी.’

शाह ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर सीएए को लेकर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कांग्रेस को वोटबैंक की राजनीति की आदत पड़ गई है, उसने इस कानून पर दुष्प्रचार किया है.’

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘वोटबैंक के लालच की भी हद होती है. वोटबैंक के लिए कांग्रेस ने वीर सावरकर जैसे महापुरुष का अपमान किया है.’

शाह ने कहा सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, ईसाई लोग, जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आए हैं, उन्हें नागरिकता देने का कानून है.

शरणार्थियों पर जो प्रताड़ना हुई है, इससे बड़ा मानवाधिकार का उल्लंघन कभी नहीं हुआ. वहां ये शरणार्थी भाई करोड़पति थे और आज उनके पास रहने की जगह नहीं है. वहां उनके पास कई बीघा जमीन थी और यहां उनके पास खाने को कुछ नहीं है.

ये महात्मा गांधी जी का वादा था, क्या वो सांप्रदायिक थे? जवाहरलाल नेहरू ने भी संसद में कहा था कि जो हिन्दू या सिख आये हैं , हम उन्हें नागरिकता देंगे, क्या वो सांप्रदायिक थे?

नेहरू-लियाकत समझौते में दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के संरक्षण का भरोसा दिया गया था.

हमारे यहां अल्पसंख्यक भाई-बहनों को सम्मान से रखा गया लेकिन पाकिस्तान में अल्पसंख्यक 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर आ गए. अब नेहरू-लियाकत समझौते पर अमल हम करेंगे.

विपक्ष के लोग देश को गुमराह कर रहे हैं कि इससे भारत के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी, लेकिन मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये क़ानून नागरिकता देने का है, किसी की नागरिकता छीनने का नहीं.

 

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