लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल में एक चुनाव रैली के दौरान किए गए वादे पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने कानून विभाग को ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून लाने का प्रस्ताव भेजा है.
सरकार के प्रवक्ता ने प्रस्ताव भेजे जाने की शुक्रवार को पुष्टि की.
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने सख्त कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘राज्य में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है, जो सामाजिक शर्मिंदगी और दुश्मनी का कारण बने हैं. इन मामलों से माहौल खराब हो रहा है, इसलिए एक सख्त कानून समय की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘गृह विभाग से प्रस्ताव मिलते ही आवश्यक प्रक्रिया पूरी होगी क्योंकि हमने सभी तैयारियां कर ली हैं.’
पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में उपचुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जेहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी.
उन्होंने कहा था कि अगर महिलाओं और बेटियों के साथ अत्याचार करने वाले नहीं सुधरे तो उनका ‘राम नाम सत्य है’ होना तय है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभी हाल में फैसला दिया था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि जो लोग नाम छिपाकर बहू-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, अगर वे नहीं सुधरे तो ‘राम नाम सत्य’ की उनकी अंतिम यात्रा निकलनी तय है.
उन्होंने कहा था कि ‘लव जेहाद’ में शामिल लोगों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएंगे.
पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने सरकार को एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें जबरन धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून बनाने की सिफारिश की गई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग का विचार है कि मौजूदा कानूनी प्रावधान पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए इसपर नए कानून की जरूरत है.
इस संबंध में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि प्रेम विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन के लिए महिलाओं के साथ क्रूरता और यहां तक कि हत्या की कुछ घटनाएं प्रकाश में आई हैं. अकसर यह देखा गया है कि इस तरह का कृत्य संगठित तरीके से किया जा रहा है.
उन्होंने दावा किया कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे अपराधों की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए.
अधिकारी ने कहा कि कानपुर में पुलिस ने ‘लव जेहाद’ के एक मामले में एक विशेष जांच दल का गठन किया था.
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