इंफाल, 14 मार्च (भाषा) हिंसा प्रभावित मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय ने शुक्रवार को होली का त्योहार लगातार दूसरे वर्ष सादगी से मनाया।
समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में से एक, होली या याओसांग पूर्वोत्तर राज्य में पांच दिन तक मनाया जाता है और इसकी आधिकारिक शुरुआत शुक्रवार शाम को पैलेस कंपाउंड में श्री गोविंदजी मंदिर परिसर और कुछ अन्य इलाकों में बनी फूस की झोपड़ियों को जलाने के साथ हुई।
पिछले साल की तरह इस साल भी यह आयोजन त्योहार से जुड़ी धार्मिक गतिविधियों और सामुदायिक खेल आयोजनों तक ही सीमित रहा।
आयोजकों के अनुसार, रात्रिकालीन सांस्कृतिक नृत्य जैसे कोई मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे।
मई 2023 में मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क गई थी जिसमें कम से कम 250 लोग मारे जा चुके हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं।
मेइती पुजारी देवदत्त फुराइलात्पम ने कहा, ‘‘यह त्योहार दो कारणों से सादगी से मनाया जा रहा है। लोग, खास तौर पर आंतरिक रूप से विस्थापित लोग, अभी भी अपने मूल स्थानों पर नहीं लौटे हैं और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, उत्सव के दौरान घाटी के इलाकों में शरारती तत्वों द्वारा हमले की आशंका है।’’
याओसांग के दौरान, बच्चे अपने पड़ोस में घर-घर जाते हैं।
भाषा
अमित वैभव
वैभव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.