नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि मलेरिया, चिकुनगुनिया और डेंगू जैसे मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए प्रोटोकॉल पर विचार विमर्श करने व उसे अंतिम रूप देने को लेकर सभी संबद्ध हितधारकों, स्थानीय प्राधिकारों और दिल्ली सरकार के विभागों की एक बैठक बुलाई जाए।
शहर में बड़े पैमाने पर मच्छर उत्पन्न होने से जुड़े अपने स्वत: संज्ञान वाले मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ को नगर निगमों के वकील दिव्य प्रकाश पांडे ने बताया कि कई अधिकारियों की भागीदारी के साथ एक बैठक में एक मसौदा साझा प्रोटोकॉल तैयार किया गया है।
पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह भी शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि बैठक में शामिल सभी हितधारकों द्वारा एक वादा किया जाना चाहिए तथा एक और बैठक बुलाई जानी चाहिए, जिसमें उन विभागों या प्राधिकारों के विचार सुने जाने चाहिए जो मसौदा साझा प्रोटोकाल तैयार करने के वक्त उपस्थित नहीं थे।
अदालत ने कहा, ‘‘जो कुछ भी जरूरी है, आप एक बेहतर दस्तावेज के साथ आएं। आप सभी को उस पर हस्ताक्षर करने की जरूरत है और इसे हमारे पास लाएं। ’’
पीठ ने कहा, ‘‘बैठक होने पर मसौदा प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दें और उसे प्रस्तुत करें। ’’
अदालत ने उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि को भी बैठक में शामिल करने को कहा क्योंकि राज्य से लगे इलाकों में इस रोग के कई ‘हॉटस्पॉट’ हैं।
भाषा
सुभाष उमा
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