कुरुक्षेत्र : हरियाणा सरकार पौराणिक नदी सरस्वती के इतिहास को स्कूलों तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करेगी. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि पहले हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड (एचएसएचडीबी) ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) में सेंटर फॉर बी आर आंबेडकर स्टडीज में सहायक निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय ‘सरस्वती नदी पाठ्यक्रम समिति’ का गठन किया, जिसे कक्षा छह से लेकर दसवीं तक के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
बाद में, केयू के कुलपति डॉ. सोम नाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय के सरस्वती रिवर रिसर्च ऐंड एक्सिलेंस सेंटर में निदेशक प्रोफेसर ए आर चौधरी की अध्यक्षता में एक अन्य समिति बनाई, जिसे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया. डॉ. प्रीतम सिंह इस समिति के सह अध्यक्ष हैं.
अधिकारी ने बताया कि इस विचार के पीछे उद्देश्य है युवाओं को प्राचीन नदी के इतिहास के बारे में जागरूक करना.
प्रोफेसर चौधरी ने बताया कि दोनों समितियां स्कूलों और विश्वविद्यालय के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने और 15 सितंबर तक उसे एचएसएचडीबी को सौंपने के लिए दैनिक आधार पर बैठकें कर रही हैं ताकि इसे पाठ्यक्रम में जल्द से जल्द शामिल किया जा सके.
सचदेवा ने कहा कि पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति-2020 को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा.