मुंबई, नौ सितंबर (भाषा) भारत के तीनों सशस्त्र बल थल सेना, वायु सेना और नौसेना की 10 महिला अधिकारियों का एक दल बृहस्पतिवार को यहां गेटवे ऑफ इंडिया से भारतीय सेना के नौकायन पोत ‘आईएएसवी त्रिवेणी’ पर सवार होकर विश्व भ्रमण के लिए रवाना होंगी।
इस दल में सेना के पा़ंच, वायु सेना के चार और नौसेना की एक अधिकारी होंगी। इस अभियान का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुडकर करेंगी।
यह पहली बार है कि भारतीय सशस्त्र बल संयुक्त रूप से किसी जलयात्रा मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं। ये अधिकारी 26,000 से अधिक नॉटिकल मील की समुद्री यात्रा करेंगी। इस दौरान वे दो बार भूमध्य रेखा पार करेंगी और तीन प्रमुख केप ‘केप लीउविन’, ‘केप हॉर्न’ और ‘केप ऑफ गुड होप’ को पार करेंगी। इस मिशन में वे प्रमुख महासागरों से होकर गुजरेंगी और ‘ड्रेक पैसेज’ जैसे दुनिया के सबसे खतरनाक समुद्री इलाकों में भी यात्रा करेंगी।
मुंबई के मार्वे में स्थित हैवी ब्रिजिंग ट्रेनिंग कैंप के अनुभवी और कुशल प्रशिक्षकों ने सभी महिला अधिकारियों को नौवहन, संचार, स्कूबा डाइविंग, प्राथमिक चिकित्सा और प्राथमिक उपचार जैसे कौशलों में प्रशिक्षण दिया गया है।
यह अभियान लगभग नौ महीने में पूरा होने की संभावना है, जिसके दौरान टीम चार विदेशी बंदरगाहों पर रुकेगी और मई 2026 में मुंबई लौटेगी।
लेफ्टिनेंट कर्नल वरुडकर ने पत्रकारों को बताया कि टीम पिछले तीन वर्षों से प्रशिक्षण ले रही है और छोटी-छोटी यात्राओं में भाग ले रही है। इस साल की शुरुआत में टीम ने करीब 55 दिन समुद्र में बिताते हुए 3,600 नॉटिकल मील की यात्रा भी पूरी की है।
‘आईएएसवी त्रिवेणी’ 50 फुट लंबा पोत है, जो फाइबर रिइन्फोर्स्ड प्लास्टिक से निर्मित है। इसे देश में ही पुडुचेरी में बनाया गया है और यह आधुनिक नौवहन तथा संचार प्रणालियों से सुसज्जित है। यह सैटेलाइट संचार, जीपीएस और एआईएस सिस्टम से लैस है और इससे लगभग 60 दिन तक लगातार समुद्र में यात्रा की जा सकती है।
भाषा प्रीति पवनेश
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