गुवाहाटी, पांच अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई को उनकी 75वीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए मंगलवार को कहा कि लोगों के प्रति उनका अटूट समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
शर्मा ने कहा कि बोरदोलोई ने कैबिनेट मिशन की “समूह बनाने की योजना” का विरोध किया था क्योंकि इससे असम को बंगाल में विलय करने का खतरा था।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आज हम असम के पहले मुख्यमंत्री और हमारे राज्य के एक महान व्यक्तित्व बोरदोलोई को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हैं। उनकी अपनी भूमि और जनता के प्रति अटूट निष्ठा आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती है।”
शर्मा ने कहा कि कैबिनेट मिशन की समूह बनाने की योजना का विरोध जताने में जो उन्होंने भूमिका निभाई थी, उसने हमारी संप्रभुता की रक्षा की और हमें स्वतंत्र भारत में मजबूती से एकीकृत किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के कारण असम का बंगाल में विलय होने का खतरा था, जिससे संभवतः हमारा राज्य पूर्वी पाकिस्तान में शामिल हो जाता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लोक कल्याण दिवस के अवसर पर सभी को बोरदोलोई द्वारा स्थापित आदर्शों का पालन करना चाहिए तथा पूरी निष्ठा के साथ लोगों की सेवा करनी चाहिए।
भाषा प्रीति मनीषा
मनीषा
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