हैदराबाद, छह सितंबर (भाषा) हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका मालिनी राजुरकर का आयु संबंधी समस्याओं के कारण बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 82 वर्ष की थीं।
ग्वालियर घराने से जुड़ीं राजुरकर को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
राजुरकर की एक करीबी मित्र ने बताया कि मंगलवार को उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बुधवार शाम सवा चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
राजुरकर को वर्षों से जानने वालीं लेखिका विद्या देवधर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “उन्होंने मेडिकल अध्ययन के लिए अपना शरीर दान करने का फैसला किया था और उनके निर्णय के अनुसार उनका शरीर उस्मानिया मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाएगा।”
‘ख्याल’ और ‘टप्पा’ शैली की अग्रणी गायिका राजुरकर के परिवार में दो बेटियां हैं।
राजुरकर का जन्म 1941 में अजमेर, राजस्थान में हुआ था, जहां उन्होंने अपने प्रारंभिक वर्ष बिताए।
गणित में स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने अजमेर में सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल एवं कॉलेज में तीन साल गणित पढ़ाया।
बाद में उन्होंने कला में तीन साल की छात्रवृत्ति हासिल की, जिसके बाद वह संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ीं। उन्होंने गोविंदराव राजुरकर और उनके भतीजे वसंतराव राजुरकर के मार्गदर्शन में अजमेर संगीत महाविद्यालय से संगीत की शिक्षा ली। बाद में वसंतराव राजुरकर से उनका विवाह हुआ।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.