नई दिल्ली: कोलकाता में एक पूजा पंडाल में महात्मा गांधी को असुर के रूप में दिखाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. हालांकि बताया जा रहा है कि मूर्ति को अब बदल दिया गया है.
दक्षिण पश्चिम कोलकाता के रूबी क्रॉसिंग के निकट, अखिल भारतीय हिंदू महासभा पूजा के आयोजकों ने शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस के निर्देशानुसार गांधी की तरह दिखने वाली मूर्ति के रूप में बदलाव कर दिया है. आयोजकों ने कहा कि समानताएं होना ‘केवल एक संयोग’ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था.
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष इसकी आलोचना करते हुए कहा, यह अभद्रता की हद. उन्होंने इसे बीजेपी का असली चेहरा बताया और कहा बाकी जो वे करते हैं सब ड्रामा है. दुनिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनकी विधारधारा का सम्मान करती है. ऐसा अपमान स्वीकार नहीं किया जा सकता, हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं.
वहीं ऑल इंडिया हिंदू महासभा की पश्चिम बंगाल इकाई के वर्किंग प्रेसीडेंट गोस्वामी ने कह कि गंजे सिर और चश्मा पहनने वाला हर व्यक्ति गांधी ही नहीं होता. मूर्ति में असुर को देखें ढाल भी पकड़ी हुई है, महात्मा गांधी ने ढाल कभी नहीं पकड़ी. यह संयोग की बात है कि मां दुर्गा जिस असुर का वध कर रही हैं वह गांधी जैसा दिखता है. लेकिन यह भी सच है कि गांधी की आलोचना होनी चाहिए.
इससे पहले महात्मा गांधी के गलत चित्रण को लेकर हिंदू महासभा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा था कि अगर यह वास्तव में सही है तो यह बेअदबी के अलावा और कुछ नहीं है.
घोष ने कहा कि यह राष्ट्रपिता का अपमान करने वाला है. इससे देश के प्रत्येक नागरिक का अपमान होता है. इस तरह के अपमान के बारे में भाजपा क्या कहेगी? हम जानते हैं कि गांधीजी का हत्यारा किस वैचारिक खेमे से था.
हालांकि पश्चिम बंगाल भाजपा ने भी ऐसी मूर्ति की निंदा की है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा कि अगर ऐसा किया गया है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम इसकी निंदा करते हैं. यह असभ्य और अपमानजनक है.
एक ट्विटर यूजर सायंतन घोष ने ट्वीट किया है कि विवाद के बाद पश्चिम बंगाल की हिंदू महासभा ने असुर पर बाल और मूंछें लगाई हैं जो मूलरूप से महात्मा गांधी की तरह दिखती थीं.
प्रतिमा में किया बदलाव
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद आज सुबह इस प्रतिमा में बदलाव किए गए और महात्मा गांधी से मिलती-जुलती मूरत को हटा दिया गया.
इससे पहले दिन के समय एक पत्रकार ने कोलकाता पुलिस को टैग करते हुए दुर्गा प्रतिमा की एक तस्वीर ट्वीट की थी. हालांकि, उन्होंने बाद में उन्होंने पुलिस के त्योहार के समय तनाव पैदा होने के निर्देश का हवाला देते हुए पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया.
गोस्वामी ने कहा कि पूजा आयोजकों की मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने हमें इसे बदलने के लिए कहा, और हमने इसे मान लिया. हमने महिषासुर की मूर्ति पर मूंछें और बाल लगा दिए.’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे राजनीतिक दलों ने भी गांधी के ‘महिषासुर’ के रूप में कथित चित्रण की आलोचना की.
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(भाषा के इनपुट्स के साथ)