पुणे, 18 जून (भाषा) शीर्ष मराठी साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के कक्षा एक से पांच तक के लिए त्रिभाषा फॉर्मूला अपनाने के फैसले का विरोध किया और कहा कि नयी शिक्षा नीति इसकी अनुशंसा नहीं करती है।
महामंडल का यह बयान कांग्रेस और राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा संशोधित सरकारी आदेश के विरोध के बीच आया है, जिसमें कहा गया है कि हिंदी इन कक्षाओं के लिए ‘‘सामान्य तौर पर’’ तीसरी भाषा होगी।
साहित्य महामंडल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘(एनईपी में) यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कक्षा छह से तीसरी भाषा शुरू की जानी चाहिए।’’
संस्था ने तीसरी भाषा पढ़ाने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया, जबकि कई स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं और उच्च कक्षाओं के छात्र कक्षा दो के स्तर की मराठी किताबें पढ़ने के लिए संघर्ष करते हैं।
संस्था ने कहा, ‘‘शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के बजाय तीसरी भाषा को अनिवार्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है।’’
भाषा सुरभि रंजन
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