(तस्वीरों सहित)
शिमला, 19 अगस्त (भाषा) कुल्लू जिले के कानोन गांव में रात को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण एक पुल और तीन दुकानें बह गईं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
लगातार बारिश के कारण कई क्षेत्रों में भूस्खलन होने से जिला प्रशासन ने मंगलवार को कुल्लू और बंजार उपमंडलों में स्कूल, कॉलेज तथा आंगनवाड़ी केंद्रों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया।
कुल्लू की उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष तोरूल एस. रवीश ने बताया कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में एक श्मशान घाट बह गया है, इसके अलावा एक घर को आंशिक नुकसान पहुंचा है।
शिमला में रामचंद्र चौक के समीप भूस्खलन हो जाने के बाद सोमवार देर रात वहां से एक मंत्री, विधायकों, उनके कर्मचारियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों सहित लगभग 40 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
भूस्खलन के बाद नगर एवं ग्राम नियोजन तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी और आशीष बुटेल ने शिमला स्थित अपने सरकारी आवास खाली कर दिए।
हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन आशियाना रीजेंसी के पास छोटा शिमला क्षेत्र में एक इमारत की छत का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और पेड़ उखड़ गए।
उन्होंने बताया कि कुल्लू और बंजार के उप-मंडल अधिकारियों ने अपने-अपने इलाकों में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं की सूचना दी है। इन घटनाओं के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं, पैदल पुल बह गए और अन्य कुछ नुकसान भी हुए।
भारी बारिश के कारण मंडी जिले के पधर क्षेत्र में शिल्हबुधानी और तरसवान ग्राम पंचायतों में कृषि भूमि के अलावा एक पैदल पुल, एक दुकान और एक वाहन को नुकसान पहुंचा है।
किन्नौर जिला प्रशासन ने लगातार भारी बारिश, भूस्खलन और घने कोहरे को देखते हुए मंगलवार को किन्नौर कैलाश यात्रा-2025 को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया।
यहां मंगलवार को एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए, किन्नौर के उपायुक्त (डीसी) डॉ. अमित कुमार शर्मा ने कहा कि लगातार खराब मौसम तथा आगामी पांच से सात दिनों में अत्यधिक बारिश और बादल छाए रहने के पूर्वानुमान को देखते हुए, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए तत्काल एहतियाती उपाय आवश्यक हैं।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 34 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए शर्मा ने इस वर्ष के लिए यात्रा को आगले आदेश तक बंद रखने की घोषणा की है।
उपायुक्त के आदेशों के अनुसार, यात्रा मार्ग से गुजरने वाले किसी भी तीर्थयात्री को वापस आधार शिविर तक पहुंचाया जाएगा और उल्लंघन करने वालों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुई। शिमला शहर के उपनगरीय इलाके जुब्बरहट्टी में सोमवार रात से 117 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सोलन और अंब में 56 मिलीमीटर, शिमला में 54 मिलीमीटर, भुंतर में 46.8 मिलीमीटर, बिलासपुर में 40.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
स्थानीय मौसम विभाग के कार्यालय ने 25 अगस्त तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है, हालांकि 20 और 21 अगस्त को अलर्ट में छू दी गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, मंगलवार शाम को राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट-सैंज मार्ग) सहित राज्य में कुल 357 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं। इनमें से 179 सड़कें मंडी ज़िले में और 105 निकटवर्ती कुल्लू ज़िले में थीं।
एसईओसी के अनुसार, 872 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 140 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
अधिकारियों ने सोमवार शाम को बताया कि हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से अब तक राज्य को वर्षाजनित घटनाओं के कारण 2,211 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 74 बार अचानक बाढ़, 38 बार बादल फटने और भूस्खलन की 72 बड़ी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि करीब 143 लोगों की मौत हो गई है और 37 लोग लापता हैं।
भाषा यासिर पवनेश
पवनेश
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