शिमला, सात सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख कर पंजाब सरकार को यह निर्देश देने का आग्रह करेगी कि वह 110 मेगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना को इस वर्ष 31 अक्टूबर से पहले हिमाचल को सौंप दे।
सुक्खू ने यहां ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए हिमाचल प्रदेश के ‘‘उचित दावों’’ को अदालत में प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि जोगिन्द्रनगर में 110 मेगावाट की शानन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश को सौंपा जाना चाहिए, क्योंकि पंजाब के पक्ष में इस परियोजना की पट्टा अवधि समाप्त हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि परियोजना का शीघ्र हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए यह मामला भारत सरकार और पंजाब सरकार के समक्ष भी उठाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हिमाचल प्रदेश के वैध अधिकारों को सुरक्षित करने के मामले में भी तेजी लाएगी, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले निर्णय दिया है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि 1045 मेगावाट की करछम वांगतू जल विद्युत परियोजना के संबंध में जेएसडब्ल्यू कंपनी को कार्यान्वयन समझौते का अनुपालन न करने का नोटिस दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि जल विद्युत क्षेत्र में राज्य के हितों की रक्षा के लिए विद्युत परियोजनाओं में 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत तथा 30 प्रतिशत ‘रॉयल्टी स्लैब’ सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया है तथा 40 साल बाद परियोजना वापस राज्य को सौंप दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक होगा।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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