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बुधवार, 28 मई, 2025
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हिप्र : भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, विमल नेगी मामले में जांच का दायरा बढ़ाने की मांग

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(तस्वीर के साथ)

शिमला, 28 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल ने बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को एक ज्ञापन सौंपकर विमल नेगी की मौत के मामले में सबूतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और राज्य विद्युत निगम में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का दायरा बढ़ाने की मांग की।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत की जांच अपने हाथ में ले ली है।

नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे। नेगी का शव 18 मार्च को बिलापुर में रहस्यमयी परिस्थितियों में मिला था और उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके वरिष्ठों ने उन्हें परेशान किया था। इस मामले से राज्य में सियासी पारा चढ़ गया था, विपक्षी भाजपा ने मामले को दबाने का आरोप लगाया था।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की और आरोप लगाया कि रहस्यमय परिस्थितियों में नेगी की मौत ‘‘प्रशासन की विफलता, अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के अलावा राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति’’ को उजागर करती है।

भाजपा ने दो पृष्ठों के ज्ञापन में यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की मांग की कि मामले में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ न की जाए तथा जांच में कथित रूप से हस्तक्षेप करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच और एसपी शिमला को बर्खास्त करने की भी मांग की गई।

भाजपा ने मांग की है कि विद्युत निगम में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआई की जांच का दायरा बढ़ाया जाए।

जय राम ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

भाजपा के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि राज्य में प्रशासन ‘‘पूरी तरह ध्वस्त’’ हो गया है और सरकार ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने गत शुक्रवार को आदेश दिया कि मामले को पुलिस अधीक्षक गांधी की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल (एसआईटी)से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया जाए, क्योंकि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने एसआईटी द्वारा की गई जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय को एक स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी।

शिमला के एसपी गांधी ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन कर डीजीपी अतुल वर्मा, उनके स्टाफ, मुख्य सचिव, पूर्व डीजीपी संजय कुंडू और मौजूदा भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद डीजीपी ने एसीएस (गृह) को पत्र लिखकर एसपी को निलंबित करने की सिफारिश की।

सीबीआई ने मंगलवार को नेगी मौत मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 और 3 (5) के तहत क्रमश: आत्महत्या के लिए उकसाने और सामान्य इरादे के लिए प्राथमिकी दर्ज की।

मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के आदेश पर टिप्पणी की थी, ‘‘ मैं जस्टिस साहब की एक टिप्पणी से सहमत नहीं हूं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिमाचल का अधिकारी नहीं होना चाहिए।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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