शिमला, पांच जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पात्र लाभार्थियों को राशन वितरण करने के लिए आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण (फेसऑथ) शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुतेल ने एक बयान में कहा कि अब तक ओटीपी के आधार पर या बायोमेट्रिक तरीके का उपयोग करके प्रमाणीकरण किया जाता था। हालांकि, एसएमएस न पहुंच पाने और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की ओर से बायोमेट्रिक बेमेल जैसी लगातार चुनौतियों के कारण लाभार्थियों को असुविधा हो रही थी।
बुतेल ने बताया कि चेहरा आधारित प्रमाणीकरण शुरू करने से प्रक्रिया अब सुव्यवस्थित और अधिक सुलभ हो गई है।
उन्होंने बताया कि पारंपरिक तरीकों के विपरीत यह नयी सुविधा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) के मालिक के स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किए गए ऐप के माध्यम से मोबाइल कैमरे का उपयोग करती है, जिससे लाभार्थियों की सीधे चेहरे से पहचान संभव हो जाती है।
बुतेल ने कहा, ‘‘नीक में एक महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करते हुए हिमाचल प्रदेश के डिजिटल प्रौद्योगिकी और शासन विभाग (डीडीटीजी) ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पात्र लाभार्थियों को राशन के वितरण के लिए आधार-आधारित चेहरा प्रमाणीकरण (फेसऑथ) शुरू किया है।’’
भाषा प्रीति रंजन
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