शिमला, आठ जनवरी (भाषा) हिमाचल प्रदेश में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा नौतोड़ भूमि के आवंटन के मामले में अनुमति देने में देरी पर बुधवार को सवाल उठाया।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में मंत्री ने विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश इकाई पर भी निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि क्या वे आदिवासियों को नौतोड़ जमीन देने के पक्ष में हैं।
‘नौतोड़’ भूमि से आशय शहरों के बाहर की अप्रयुक्त जमीन से है जो संरक्षित वनों के दायरे में नहीं होती। आम नागरिकों को इस भूमि के उपयोग के लिए आवंटित करने का निर्णय प्राधिकारी ले सकते हैं। इसे राज्य सरकार द्वारा सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के साथ समय-समय पर अधिसूचित किया जा सकता है।
नौतोड़ नियमों के तहत उन आदिवासियों को 20 बीघा तक अतिरिक्त भूमि देने का प्रावधान है, जिनके पास 20 बीघा से कम भूमि है। नौतोड़ भूमि के किसी भी आवंटन को सक्षम करने के लिए राज्यपाल को वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) को निलंबित करना पड़ता है।
नेगी ने कहा, ‘‘मैंने इस मुद्दे पर राज्यपाल से पांच बार मुलाकात की और उनका यह कहना कि राजभवन चुनावी वादों को पूरा करने के लिए नहीं है, दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
राजस्व मंत्री ने कहा कि नौतोड़ भूमि देने की प्रथा पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. परमार के समय से चली आ रही है, लेकिन वन संरक्षण अधिनियम लागू होने के बाद यह बाधित हो गई।
शनिवार को इस मुद्दे पर नेगी की टिप्पणी से नाराज राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि ‘वह यहां नियमों का पालन करने आए हैं, किसी के चुनावी वादों को पूरा करने नहीं।’
भाषा यासिर प्रशांत
प्रशांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.