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शुक्रवार, 2 मई, 2025
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हिमाचल : चूड़धार के श्रद्धालुओं से शुल्क वसूल रही है सरकार, भाजपा ने बताया जजिया

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नाहन/शिमला, दो मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में विवाद पैदा हो गया है, जहां स्थानीय लोगों का आरोप है कि राज्य सरकार ने चूड़धार घाटी जाने वाले लोगों पर एक प्रकार का ‘उपयोगकर्ता शुल्क’ लगाया है। चूड़धार घाटी में शिरगुल महाराज नामक एक प्राचीन मंदिर है।

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार के इस कदम को ‘धार्मिक तीर्थयात्रा पर शुल्क’ और ‘जजिया कर’ करार दिया है।

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि ‘उपयोगकर्ता शुल्क’ केवल चूड़धार वन्यजीव अभयारण्य में आने वाले ट्रेकर्स पर ही लगाया जाता है। शिरगुल महाराज मंदिर जाने वाले लोगों को अभयारण्य के कुछ हिस्सों से होकर गुजरना पड़ता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कर पिछले कुछ दिनों से वसूला जा रहा है और उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि लोग शिरगुल महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए चूड़धार जाते हैं।

एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, ‘‘मंदिर हमारे लिए एक तीर्थ स्थल है, न कि पर्यटन स्थल।’’

स्थानीय लोगों का दावा है कि वन्यजीव विभाग 20 अप्रैल से चूड़धार घाटी जाने वाले लोगों से 20 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का कर वसूल रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश कुमार पुंडीर ने बताया कि स्थानीय लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं, इसलिए आम सहमति बनाने के लिए वन्यजीव विभाग के अधिकारियों और नोहराधार के निवासियों के बीच दो बैठकें हुई थीं।

भाषा रवि कांत रवि कांत दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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