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शिमला, छह अगस्त (भाषा) अभिनेत्री-सांसद कंगना रनौत ने मंगलवार को शिमला जिले के आपदा प्रभावित समेज गांव का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछ नहीं करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया।
रनौत ने रामपुर उपखंड के समेज में अचानक आई बाढ़ के पीड़ितों से बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दिल दहला देने वाली त्रासदी है। लोगों ने बच्चों समेत अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया। वे डरे हुए हैं और सदमे में हैं। मैं राज्य सरकार से अनुरोध करूंगी कि प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत (वित्तीय सहायता) प्रदान की जाए।’’
मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद ने पिछले साल बाढ़ प्रभावित परिवारों को कांग्रेस के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा धन आवंटन की विशेष जांच की भी मांग की।
हिमाचल में लगभग एक सप्ताह से भारी बारिश हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि 31 जुलाई की रात कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में, बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के बाद अब तक 14 शव बरामद किए गए हैं और 40 लोग अब भी लापता हैं।
रनौत ने कहा, ‘‘कुल्लू जिले में मलाणा का सड़क संपर्क टूट गया है और ग्रामीण खुद पुल बना रहे हैं।’’ उन्होंने राज्य सरकार पर समेज गांव के आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए ‘‘कुछ नहीं’’ करने का आरोप लगाया, जहां 30 से अधिक लोग लापता हैं।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘मुझे राज्य सरकार का कुछ भी काम नहीं दिख रहा। यहां मंत्रियों द्वारा एक भी काम नहीं किया गया है जो अमानवीय है।’’
शिमला से करीब 148 किलोमीटर की दूरी पर स्थित समेज गांव में, अचानक आई बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। रामपुर, मंडी और कुल्लू मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जहां से रनौत हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुई थीं।
रनौत ने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार की प्रतिनिधि के तौर पर आई हूं। केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए धन मुहैया कराएगी, लेकिन हम सभी जानते हैं कि पिछले साल मानसून के दौरान आई आपदा के बाद भी वित्तीय सहायता दी गई थी। यह धन राज्य सरकार को मिलता है और वे इसे वितरित करते हैं।’’
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘कोई नहीं जानता कि उन निधियों का क्या हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने हालिया बजट भाषण के दौरान हिमाचल प्रदेश को सहायता का आश्वासन भी दिया था, लेकिन यह धनराशि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा बनाए गए खड्ड के माध्यम से आएगी। केवल भगवान ही जानता है कि प्रभावित परिवारों के बीच धनराशि वितरित की जाएगी या नहीं।’’
उन्होंने कहा कि हिमाचल, राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से ही आपदाओं का सामना कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि पिछले साल की आपदा से प्रभावित लोग अब भी, मुख्यमंत्री द्वारा वादा किए गए सात लाख रुपये का इंतजार कर रहे हैं।
रनौत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल आपदा के बाद राज्य को 1,800 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था।
अधिकारियों के अनुसार, सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), हिमाचल प्रदेश पुलिस और होमगार्ड के 410 बचावकर्मी तलाशी अभियान में शामिल हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 27 जून को मानसून के आगमन से लेकर पांच अगस्त तक हिमाचल प्रदेश को 684 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वर्षाजनित घटनाओं में 87 लोगों की जान जा चुकी है।
भाषा आशीष सुभाष
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