शिमला, 27 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की मांग की है।
गांधी ने पिछले सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन में विधायक के खिलाफ आरोप लगाए थे।
शर्मा ने आरोप लगाया कि गांधी ने 24 मई को प्रेस वार्ता में उनके खिलाफ ‘अपमानजनक, निराधार और धमकी भरे’ बयान दिए।
धर्मशाला के विधायक ने दावा किया कि गांधी द्वारा दिए गए बयान न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि विधानसभा के एक विधिवत निर्वाचित सदस्य के रूप में उनकी गरिमा को भी ठेस पहुंचाते हैं।
उन्होंने अध्यक्ष से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव स्वीकार करने और सदन के नियमों तथा प्रक्रिया के अनुसार उचित कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया को संबोधित पत्र में कहा गया है, ‘‘गांधी का आचरण मेरे विधायी कार्यों के निर्वहन में अनुचित हस्तक्षेप है और विधानसभा के अधिकार और शुचिता को कमजोर करता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की गई ऐसी टिप्पणी न केवल उनके पद के लिए अनुचित है, बल्कि विशेषाधिकार का सीधा उल्लंघन और विधायिका की अवमानना भी है।’’
शर्मा उन छह कांग्रेस विधायकों में से एक थे, जिन्होंने 27 फरवरी, 2024 को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।
बाद में उन्हें व्हिप की अवहेलना करने के कारण दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। शर्मा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर फिर से चुने गए।
एसपी गांधी छह पूर्व कांग्रेस और तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ दर्ज राज्यसभा चुनाव में कथित खरीद-फरोख्त के मामले की जांच कर रहे थे।
शर्मा ने कहा कि खरीद-फरोख्त मामले में न तो उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है और न ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है, लेकिन एसपी ने उन्हें मामले का ‘मास्टरमाइंड’ बताया है।
विधायक ने एसपी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से संबंधित समाचार पत्रों की कतरनें भी संलग्न कीं।
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वैभव माधव
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