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शनिवार, 24 मई, 2025
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हिमाचल: विमल नेगी मामले में तकरार के बाद शिमला एसपी ने डीजीपी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया

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शिमला, 24 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के एक दिन बाद, मामले में एसआईटी प्रमुख एवं शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की शनिवार को आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्होंने एसआईटी जांच पर सवाल उठाते हुए वस्तु स्थिति रिपोर्ट गुप्त इरादे के साथ दाखिल की।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने राज्य के डीजीपी और उनके स्टाफ पर अन्य मामलों में भी कदाचार का आरोप लगाया।

एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पुलिस अधीक्षक ने संवाददाता सम्मेलन में डीजीपी अतुल वर्मा पर कई आरोप लगाए और कहा कि अपमान सहने के बजाय वह इस्तीफा देना पसंद करेंगे। डीजीपी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘हमने पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ जांच की थी और डीजीपी द्वारा अदालत में पेश की गई वस्तु स्थिति रिपोर्ट और हलफनामा बहुत गैर जिम्मेदाराना था और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मेरे प्रति द्वेष रखते हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह तथ्यों और दस्तावेज के साथ फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और यह भी उजागर करेंगे कि कैसे डीजीपी वर्मा ने ‘‘गुप्त इरादे’’ से वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल की।

उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को दिए गए फैसले में कहा गया कि ‘‘न्यायालय का यह मानना है कि इस मामले में असाधारण स्थिति है, जिसके लिए मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी आवश्यक है, क्योंकि पुलिस महानिदेशक ने अपनी वस्तु स्थिति रिपोर्ट में जांच के तरीके और पद्धति पर गंभीर चिंता जताई है।’’

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में महाप्रबंधक एवं मुख्य अभियंता के पद पर तैनात विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और 18 मार्च को उनका शव मिला था। उनकी पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया था कि उनके वरिष्ठ अधिकारी पिछले छह महीने से उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे।

डीजीपी के कर्मचारी पर निशाना साधते हुए पुलिस अधीक्षक ने संवाददाताओं से कहा कि शिमला पुलिस द्वारा मादक पदार्थ माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह बात सामने आई कि डीजीपी के निजी स्टाफ में से एक का संजय भूरिया गिरोह से संबंध है, जो कथित तौर पर मादक पदार्थ तस्करी में शामिल है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि विनय अग्रवाल मामले में ‘‘डीजीपी अतुल वर्मा के इशारे पर’’ एक झूठी रिपोर्ट पेश की गई थी। अग्रवाल पर हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में जबरन वसूली करने का आरोप है।

पुलिस अधीक्षक ने आरोप लगाया कि ‘‘सीआईडी ​से गोपनीय दस्तावेज रिपोर्ट लीक करने में डीजीपी के निजी स्टाफ की संलिप्तता भी पाई गई है, जिसके बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि कई मौकों पर जांच में बाधा डालने के लिए दबाव बनाया गया।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि डीजीपी कार्यालय द्वारा उनके खिलाफ लंबे समय से साजिश रची जा रही थी। उन्होंने कहा कि शिमला में एक भोजनालय में हुए साधारण गैस रिसाव विस्फोट को आतंकी गतिविधि के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया और दावा किया गया कि वहां आरडीएक्स मिला है।

शिमला शहर के मध्य में अग्निशमन विभाग कार्यालय के निकट मिडिल बाजार में स्थित भोजनालय में 18 जुलाई 2023 की शाम को हुए विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 10 से अधिक लोग घायल हुए थे।

पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘मैंने धर्मशाला से मौजूदा भाजपा विधायक सुधीर शर्मा के खिलाफ उच्च न्यायालय की कार्यवाही का चुनिंदा तरीके से लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए अदालत में याचिका दायर की है, जो कार्यवाही की अवमानना ​​और कॉपीराइट और सूचना अधिनियम का उल्लंघन है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मा एक विधायक की कथित ‘‘खरीद-फरोख्त’’ में ‘मास्टरमाइंड’ के रूप में उभरे हैं।

उन्होंने कहा कि उनके पास ईमानदारी और समर्पण का बेदाग रिकॉर्ड है और वह अपमान सहने के बजाय इस्तीफा देना पसंद करेंगे।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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