scorecardresearch
Wednesday, 8 January, 2025
होमदेशउच्च प्रशिक्षित 'निकासी गोताखोर' मदद के लिए भेजे गये: खनिकों के बचाव अभियान पर नौसेना ने कहा

उच्च प्रशिक्षित ‘निकासी गोताखोर’ मदद के लिए भेजे गये: खनिकों के बचाव अभियान पर नौसेना ने कहा

Text Size:

नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) नौसेना की एक टीम, जिसमें गहराई में गोता लगाने और बचाव कार्यों में कुशल उच्च प्रशिक्षित ‘निकासी गोताखोर’ शामिल हैं, दिमा हसाओ जिले के एक सुदूरवर्ती औद्योगिक शहर में फंसे खनिकों को बचाने में मदद देने के लिए असम में मौजूद हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के तीसरे दिन बुधवार को सेना के गोताखोरों ने कोयला खदान के अंदर फंसे नौ श्रमिकों में से एक का शव बरामद किया।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘तत्काल मदद से जुड़े एक अनुरोध के जवाब में भारतीय नौसेना ने असम के दिमा हसाओ जिले के एक सुदूरवर्ती औद्योगिक शहर उमरांगसो में फंसे खनिकों को बचाने में सहायता देने के लिए एक विशेष टीम बनाई है।’

बयान के मुताबिक, एक अधिकारी और 11 नाविकों से लैस यह टीम घटनास्थल पर मौजूद है। इसमें कहा गया है कि टीम में उच्च प्रशिक्षित ‘निकासी गोताखोर’ शामिल हैं, जो गहराई में गोता लगाने और बचाव कार्यों में कुशल हैं।

बयान के अनुसार, ‘टीम इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील मिशन के लिए आवश्यक सभी संसाधनों से युक्त है, जिसमें खोज एवं बचाव कार्यों के लिए गोताखोरी गियर और पानी के नीचे रिमोट से संचालित वाहन (आरओवी) जैसे विशेष उपकरण शामिल हैं।’

अधिकारियों ने बताया कि तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए बचाव अभियान भारतीय सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ करीबी समन्वय में संचालित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम से भारतीय नौसेना की एक टीम वायुसेना के विमान से घटनास्थल पर पहुंची।

मंत्रालय के मुताबिक, ‘गहन खोज एवं बचाव अभियान के संचालन के जरिये सुचारू और समय पर बचाव सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों के साथ सूचनाओं का लगातार आदान-प्रदान किया जा रहा है। भारतीय नौसेना संकट के समय में त्वरित सहायता प्रदान करने, जीवन की रक्षा करने और आपात स्थिति में राष्ट्र का समर्थन करने के अपने संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

इससे पहले, असम के अधिकारियों ने कहा था कि खदान में फंसे आठ अन्य खनिकों के बचने की संभावना कम ही नजर आ रही है, हालांकि, नौसेना, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) के कर्मियों की टीम ने फंसे हुए खनिकों को बचाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments