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Monday, 23 December, 2024
होमदेशघर के ऊपर से निकल रहे हाई-वोल्टेज़ तार, सोनभद्र की तारावती मौत के डर से कर रही है आत्महत्या की गुहार

घर के ऊपर से निकल रहे हाई-वोल्टेज़ तार, सोनभद्र की तारावती मौत के डर से कर रही है आत्महत्या की गुहार

तारावती बताती हैं, '16 साल में अब तक 600 आवेदन कर चुकी हैं, जब भी बारिश होती है मेरे घर में करंट उतरने लगता है, छत के ऊपर से बिजली का तार गया है, बिजली का तार जाने से घर में करंट उतर जाता है.'

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सोनभद्र (उत्तर प्रदेश): आज 16 साल का दिन बीत गया. मेरे ससुर मर गए, मेरे पति मर गए. मेरा कोई बेटा नहीं है. अब तक 600 आवेदन कर चुकी हूं, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीएम, एसडीएम, बिजली विभाग, सभी जगह आवेदन करके थक गई हूं. ये कहना है सोनभद्र जिले के म्योरपुर विकास खंड के सेंदुर ग्राम पंचायत के धरतीडांड़ गांव की विधवा तारावती तिवारी का.

वो कहती हैं, ‘मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मेरे घर के ऊपर से पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड कम्पनी का बिजली का तार ले जाया गया है जिसके कारण घर मे करेंट आ रहा है. मैं रोज घुट-घुट कर मर रही हूं, अब तो अधिकारी लोग मुझे परेशान कर रहे हैं, मैं आत्महत्या करने पर मजबूर हूं.’

करीब 45 साल की तारावती के घर के ऊपर से नवंबर 2003 में रिहंदनगर से इलाहाबाद 400 किलोवॉट की डबल सर्किट लाइन पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड कम्पनी द्वारा ले जाया गया. उस दौरान विधवा तारावती के ससुर हनुमान प्रसाद तिवारी ने अपने घर के ऊपर से तार ले जाने का विरोध किया. इस पर पावरग्रिड कम्पनी के अधिकारियों ने 15 दिनों में मुआवजा देने का नोटिस दिया था. तार तो ऊपर से गुजर गया लेकिन, महीनों बीतने के बाद मुआवजा नहीं मिला. तब से लेकर 2015 तक, निधन से पूर्व हनुमान प्रसाद तिवारी ने न्याय का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

तारावती तिवारी बताती हैं कि उनके पति राम लोचन तिवारी की मौत 2000 में ही हो चुकी है. उनकी एक पुत्री है जिसका नाम सीमा है. सीमा की शादी छत्तीसगढ़ में हुई है. 2015 में ससुर की मौत के बाद न्याय की लड़ाई खुद तारावती ने शुरू तो कर दी है लेकिन न्याय कहीं से नहीं मिल रहा है बल्कि अब धमकियां मिलनी शुरू हो गई. अधिकारी घर आते हैं मेरा घर बुलडोजर से गिराने की धमकी दे रहे हैं, पुलिस वाले आकर लगातार घर खाली करने के लिए कह रहे हैं.

तारावती बताती हैं, ’16 साल में अब तक 600 आवेदन कर चुकी हैं, जब भी बारिश होती है मेरे घर में करंट उतरने लगता है, छत के ऊपर से बिजली का तार गया है, बिजली का तार जाने से घर में करंट उतर जाता है.’
गीले कपड़े पर, बर्तन पर, दीवार पर अक्सर करंट उतरता रहता है, मुझे मजबूरन अपने पड़ोसी के यहां रहना पड़ता है.’

तारावती सिसकते हुए कहती हैं कि, ‘न्याय ना मिलने पर राष्ट्रपति महोदय से दो बार इच्छा मृत्यु भी मांग चुकी हूं.’


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तारावती कहती हैं कि, बिजली का तार जाने की वजह से कोई भी मजदूर काम करने के लिए नहीं आता है सबको डर लगता है, पिछले 16 साल से घर की मरम्मत नहीं हुई. पिछले दिनों बारिश हुई. बारिश में छत टूट गया. जिससे घर में पानी भर गया, पानी भरने से दीवार गिर गई और पूरे घर में करंट उतर गया. मुझे मेरे पड़ोसी ने अपने घर में रहने के लिए जगह दी.

राकेश कुमार तिवारी, तारावती तिवारी के पड़ोसी हैं. वो तारावती के घर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर रहते हैं. वो बताते हैं कि करीब पंद्रह साल से ये सब मैं देख रहा हूं. जब भी बारिश होती है उनके घर में करंट उतर जाता है, जब-जब बिजली कड़कती है तारावती के घर में रखे हुए बर्तनों में भी बिजली उतरने लगती है. लेकिन शासन-प्रशासन को तो जैसे कोई फिक्र ही नहीं है, अब तो अधिकारी आकर तारावती को धमकियां भी देने लगे हैं.

जब भी तारावती के घर में करंट उतरता है, तारावती राकेश के घर पर रहती हैं.

हम विधवा महिला हैं, कुछ कर नहीं सकते हैं, गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है. अब जब हम विभाग में शिकायत के लिए जाते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि यहां से अपना घर हटा लो. तुम्हें यहां नहीं रहना है, तुम यहां से चली जाओ, पुलिस वाले मेरे घर आते हैं, मुझे धमकी देते हैं. कहते हैं यहां से हट जाओ. हम यहां से कैसे हट जाएं, हम विधवा हैं, हमारे आगे पीछे कोई नहीं है, मेरा और कोई घर नहीं है सरकार की तरफ से मुझे कोई मदद नहीं मिलती है ना तो मुझे लाल कार्ड मिला है ना ही मुझे उज्जवला योजना का लाभ मिलता है ना हो आवास मिला और ना तो शौचालय मिला है.

सोनभद्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य बताते हैं, ‘ ये रिहंद बांध बीजपुर एनटीपीसी से जो तार गया है उसकी क्षमता 18,6000 वॉल्ट का है. इस पर एक नियम है कि अधिकारियों को खंभा और तार लगाने से पहले, जो पीड़ित और प्रभावित किसान हैं उनको विधिवत नोटिस देना चाहिए, नोटिस देने के बाद समय देना चाहिए ताकि लोग अपने मकान को कहीं और शिफ्ट कर सकें, इतना ही नहीं अधिकारियों को एक चिट्ठी देना चाहिए जिसमें मुआवजे के बारे में बताना चाहिए.’

पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ने चिट्ठी तो दिया, नोटिस भी दिया लेकिन दो लाख अड़सठ हज़ार रुए का मुआवजा राशि जो देना था वो पैसा नहीं दिया, क्योंकि इनके पति का देहांत हो चुका था, इनके पास कोई वारिस नहीं है तो पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ने इनपर बल प्रयोग करते हुए इनके मकान के ऊपर से ये लाइन का तार 16 साल पहले दौड़ा दिया. अब इतनी हाई पावर लाइन के नीचे मकान रहना या मकान को बने रहना कितना खतरनाक साबित हो सकता है.


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पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड कम्पनी के चीफ मैनेजर एनसी श्रीवास्तव तारावती को लिखित जवाब देते हैं कि, ‘यह कैश हमारे लेवल से ऊपर है. क्योंकि आपका घर बिजली की तार के नीचे हैं इसलिए आपकी इस समस्या का समाधान डीएम या एसडीएम कर सकते हैं.’ एनसी श्रीवास्तव से बात करने पर वो कहते हैं कि हमको खबर मिली है कि डीएम साहब तारावती का केस देख रहे हैं और वो कुछ कर रहे हैं अभी. उन्हीं के यहां लेटर गया है.

इसके बारे में जब सोनभद्र के जिलाधिकारी एस राजलिंगम से बात की गई तो उन्होने कहा कि, ‘मुझे उस केस का डिटेल देखना होगा तभी हम बता पाएंगे. ये कहने पर कि तारावती कई बार शिकायत कर चुकी हैं, जिलाधिकारी बताते हैं कि, मेरे आईजीआरएस में तीस हज़ार शिकायतों का निपटारा हो चुका है, जब मैं केस का डिलेट देखूंगा, तब मैं कुछ सोचकर बता पाऊंगा.

(लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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