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Wednesday, 13 November, 2024
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उच्च न्यायालय गिरफ्तारी के खिलाफ नवाब मलिक की याचिका पर दो मार्च को सुनवाई करेगा

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मुंबई, एक मार्च (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े धन शोधन की जांच में ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने का अनुरोध किया है।

मलिक वर्तमान में तीन मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में है। मलिक ने सोमवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘अवैध’’ है और तत्काल रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया था।

अदालत को सूचित किया गया कि आपराधिक याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नामित न्यायमूर्ति पी बी वराले और न्यायमूर्ति एस पी तावड़े की नियमित पीठ इस सप्ताह उपलब्ध नहीं होगी। न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि उनकी पीठ भी बुधवार को उपलब्ध नहीं होगी।

इसके बाद, न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा कि मामले को बुधवार को न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे और न्यायमूर्ति जी ए सनप की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक ने सोमवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले और एक विशेष अदालत द्वारा उन्हें ईडी की हिरासत में भेजने का आदेश भी रद्द करने का अनुरोध किया

मलिक ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘अवैध’’ है और उन्हें ‘‘केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुखर आलोचक’’ होने के कारण निशाना बनाया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह निशाना बनाए जाने वाले पहले व्यक्ति नहीं हैं और समूचे देश में इस तरह की चिंताजनक प्रवृत्ति दिख रही है, जहां सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

मलिक ने दावा किया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नामित किसी भी ‘‘राष्ट्र-विरोधी’’ आरोपियों (दाऊद इब्राहिम और अन्य गैंगस्टर) से उनका कोई संबंध नहीं है। एनआईए की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी।

मलिक ने अपनी याचिका में कहा कि ईडी के अधिकारियों ने 23 फरवरी को उन्हें बिना किसी नोटिस या समन के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत उनके आवास से गिरफ्तार गिया था। मंत्री ने आगे कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के मामलों की सुनवाई के लिए नामित विशेष अदालत का 23 फरवरी का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर था।

ईडी का मामला यह है कि मलिक ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों-हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुंबई के कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रची, जिसकी कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये है। ईडी ने दावा किया था कि इस तरह धन शोधन के जरिए अपराध हुआ।

ईडी का मामला दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ हाल में एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धाराओं के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मलिक का बयान पीएमएलए के तहत दर्ज किया गया था।

भाषा आशीष उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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