नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में एक महिला का ट्विटर अकाउंट ‘अवैध रूप से’ बंद करने के मामले में सोमवार को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति वी कमेश्वर राव ने डिम्पल कौल की याचिका पर कंपनी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया। कौल ने दावा किया है कि उनके ट्विटर हैंडल पर 2 लाख 55 हजार से ज्यादा फालोअर थे और वह इस पर इतिहास, साहित्य, राजनीति, पुरातत्व, भारतीय संस्कृति, अहिंसा, समानता तथा महिलाओं के अधिकारों से संबंधित शिक्षाप्रद सामग्री पोस्ट करती थीं।
अदालत ने सुयश दीप राय की याचिका पर भी नोटिस जारी किया। उन्होंने भी अपना ट्विटर अकाउंट को बंद करने के खिलाफ याचिका दायर की है।
दोनों याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील राघव अवस्थी पेश हुए और दलील दी कि ट्विटर अपनी मर्जी से लोगों के अकाउंट डिलीट कर रहा है और उसे कानून के मुताबिक ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि याचिका के लंबित रहने तक ट्विटर अकाउंट बहाल किए जाएं।
ट्विटर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सजन पूवय्या ने कहा कि ट्विटर के खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है जो एक निजी संस्था है। उन्होंने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मांगा।
अवस्थी ने बताया कि एक वरिष्ठ अधिवक्ता का ट्विटर अकाउंट बंद करने के खिलाफ उनकी इसी तरह की याचिका अदालत में पहले से लंबित है।
अदालत ने कहा, “ हम आखिरकार याचिकाओं की सुनवाई करेंगे।” अदालत ने इन याचिकाओं को उसी दिन सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जब पहले से लंबित याचिका की सुनवाई होनी है यानी 30 मार्च को।
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नोमान अनूप
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