मुंबई, 10 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए जेल से रिहा करने की अनुमति मांगी थी।
मलिक ने याचिका में कहा था कि या तो उन्हें बांड पर हिरासत से रिहा किया जाए या मतदान के लिए पुलिस के साथ विधान भवन जाने की अनुमति दी जाए।
न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की एकल पीठ ने कहा कि हालांकि, मलिक ने याचिका में ‘जमानत’ शब्द का उल्लेख नहीं किया है फिर भी उनकी याचिका का आशय जमानत की अनुमति ही था इसलिए उन्हें विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अपील करनी चाहिए जिसने बृहस्पतिवार को मलिक को अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि वह मलिक की याचिका को स्वीकार कर गलत उदाहरण पेश नहीं करना चाहता।
इसके साथ ही पीठ ने मंत्री के वकील अमित देसाई को याचिका में संशोधन करने और फिर समुचित राहत पाने की याचना करने की अनुमति दी। मलिक की याचिका को बृहस्पतिवार को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।
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