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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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‘जानलेवा हमले’ से जुड़ी बादल की याचिका पर उच्च न्यायालय का पंजाब सरकार को नोटिस

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चंडीगढ़, चार अप्रैल (भाषा) पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल पर पिछले साल हुए एक ‘‘जानलेवा हमले’’ की सीबीआई या एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने संबंधी उनकी याचिका पर शुक्रवार को पंजाब सरकार को एक नोटिस जारी किया।

पिछले साल चार दिसंबर को, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के द्वार पर बादल पर यह हमला हुआ था।

हमले में पूर्व उपमुख्यमंत्री को कोई चोट नहीं आई थी क्योंकि हमलावर नारायण सिंह चौरा को सुरक्षाकर्मियों ने काबू कर लिया था।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता 2007 से 2017 तक राज्य में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई ‘‘गलतियों’’ के लिए धार्मिक प्रायश्चित के रूप में सिख धर्मस्थल के मुख्य द्वार पर ‘‘सेवादार’’ का कर्तव्य निभा रहे थे।

पूर्व आतंकवादी चौरा (68) ने बादल पर नजदीक से गोली चलाई थी, लेकिन निशाना चूक गया, क्योंकि हमलावर को काबू कर लिया गया था।

घटना के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और हत्या के प्रयास सहित संबंधित धाराओं और शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।

अमृतसर की एक अदालत ने पिछले महीने चौरा को जमानत दी थी।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से बादल की याचिका पर 30 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

अपनी याचिका में बादल ने अनुरोध किया है कि मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) जैसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंप दिया जाए, ताकि इसकी निष्पक्ष जांच हो सके।

बादल ने यह आरोप लगाया है कि मामले में पंजाब पुलिस द्वारा की जा रही जांच ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ है।

उन्होंने याचिका में कहा है, ‘‘प्राथमिकी एक ऐसे व्यक्ति के बयान पर अत्यधिक देरी के बाद दर्ज की गई, जो प्रत्यक्षदर्शी नहीं था। याचिकाकर्ता का बयान कभी दर्ज नहीं किया गया, जो जांच को जानबूझकर गलत दिशा में ले जाने को दर्शाता है।’’

बादल ने अपनी याचिका में दलील दी है कि जांच एजेंसी राजनीतिक प्रभाव में काम कर रही है और जांच की निष्पक्षता से समझौता कर रही है।

याचिकाकर्ता ने ‘‘जांच में स्पष्ट चूक, पूर्वाग्रह और राजनीतिक हस्तक्षेप’’ के मद्देनजर, ‘‘निष्पक्ष और न्यायपूर्ण जांच सुनिश्चित करने के लिए मामले को एक स्वतंत्र एजेंसी को हस्तांतरित करने के वास्ते उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप’’ करने का अनुरोध किया है।

भाषा सुभाष देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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