मुंबई, छह सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व पार्षद अभिषेक घोसालकर की हत्या की जांच शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी और कहा कि पुलिस ने मामले में कुछ पहलुओं की जांच नहीं की है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने घोसालकर की पत्नी तेजस्वी घोसालकर की याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें उन्होंने मामले में शहर की पुलिस द्वारा की गई जांच पर चिंता जताते हुए सीबीआई जांच का आग्रह किया था।
पीठ ने कहा कि पुलिस ने मामले में कुछ पहलुओं की जांच नहीं की है।
अदालत ने कहा, ‘‘ऐसी चूक जारी रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे न्याय में चूक हो सकती है।’’
घोसालकर की आठ फरवरी को फेसबुक लाइव सत्र के दौरान स्थानीय व्यवसायी मौरिस नोरोन्हा ने उनके बोरीवली कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके तुरंत बाद नोरोन्हा ने खुद को भी गोली मार ली थी।
पुलिस ने बाद में नोरोन्हा के सुरक्षाकर्मी अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया था जिसकी पिस्तौल कथित तौर पर गोलीबारी में इस्तेमाल की गई थी। वह फिलहाल जमानत पर बाहर है।
इसने दावा किया था कि नोरोन्हा विभिन्न मुद्दों को लेकर घोसालकर से नाराज था और कथित तौर पर उसका मानना था कि घोसालकर का उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराने और उसका राजनीतिक करियर बर्बाद करने में हाथ है।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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