शिमला, 23 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य विद्युत निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले की जांच शुक्रवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी।
नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर जिले में गोविंद सागर झील में रहस्यमय परिस्थितियों में मिला था।
न्यायमूर्ति अजय गोयल की सदस्यता वाली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने बुधवार को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उसने नेगी की पत्नी की याचिका स्वीकार कर ली और जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील आर के बावा ने बताया कि अदालत ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश काडर का कोई भी अधिकारी जांच से जुड़ा नहीं होना चाहिए।
फैसले की प्रति अभी नहीं मिल पाई है।
नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को मिला था। उनकी पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया है कि उनके पति को पिछले छह महीनों से उनके वरिष्ठ अधिकारी प्रताड़ित कर रहे थे और उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पति को बीमार होने के बावजूद देर रात तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा, ‘‘हालांकि हम किसी भी पक्ष द्वारा जांच किए जाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एसआईटी (विशेष जांच दल) द्वारा की गई जांच निष्पक्ष एवं पारदर्शी है। हम (उच्च न्यायालय के) आदेश को चुनौती देने के लिए फिलहाल अपील दायर नहीं करेंगे।’’
बुधवार को सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अतुल वर्मा ने एसआईटी द्वारा की गई जांच की ‘‘निष्पक्षता’’ पर सवाल उठाए थे, जबकि रतन ने एसआईटी का बचाव करते हुए कहा था कि जांच बिना किसी पक्षपात के उचित तरीके से की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि अब मामले की निष्पक्ष जांच होगी और सच्चाई सामने आएगी।
नेगी के मृत पाए जाने के बाद उनके परिवार के सदस्य 19 मार्च को शव लेकर शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए थे और उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
इसके बाद, एचपीपीसीएल के निदेशक (इलेक्ट्रिकल) और प्रबंध निदेशक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और संयुक्त आपराधिक जिम्मेदारी का मामला दर्ज किया गया था।
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सिम्मी नरेश
नरेश
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