scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशऑफलाइन परीक्षा को चुनौती देने वाली दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

ऑफलाइन परीक्षा को चुनौती देने वाली दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि इस बात के निर्देश दिए जाएं कि सेमेस्टर एग्जाम को ओपन बुक मोड में लिया जाए.

Text Size:

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों द्वारा मई 2022 में होने वाले ऑफलाइन परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा, ‘यह कोई भी आदेश जारी करने का सही समय नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओ को इस बात की छूट दी है कि अगर परिस्थितियों में बदलाव होता है तो वे दोबारा कोर्ट का रुख कर सकते हैं.’

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि इस बात के निर्देश दिए जाएं कि सेमेस्टर एग्जाम को ओपन बुक मोड में लिया जाए.

आउट स्टेशन स्टूडेंट्स सहित दिल्ली यूनिवर्सिटी के आठ स्टूडेंट्स ने कहा कि 9 फरवरी के आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता और अन्य छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन मोड में जारी रखी गईं और इसके लिए उन्हें समय समय पर लिंक भी दिया जाता रहा ताकि वे क्लास ले सकें.

एडवोकेट अजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा दायर किए गए याचिका में कहा गया कि वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना वायरस बहुत ही तेजी से फैल रहा है और दिल्ली में काफी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं, इसलिए यूनिवर्सिटी को 11 फरवरी को जारी किए गए नोटिस के बारे में सोचना चाहिए.

याचिका में आगे कहा गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले 65 फीसदी से ज्यादा छात्र बाहर के हैं और कॉलेज तक पहुंचने के लिए उनके पास खुद का वाहन नहीं है. और मौजूदा परिस्थितियों में सार्वजनिक वाहन का उपयोग करना सुरक्षित नहीं है.

याचिका में यह भी मांग की गई थी कि इस बात के निर्देश दिए जाएं कि सेमेस्टर एग्जाम को ओपन बुक मोड में लिया जाए.

जिन छात्रों ने अपना सेमेस्टर ऑनलाइन मोड में पूरा किया है उन्हें फिजिकल मोड में परीक्षा में शामिल होने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए.

याचिका में यह भी कहा गया कि दिल्ली में कोविड कि परिस्थितियों में बदलाव की वजह से दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने उद्घाटन समारोह वर्चुअल मोड में करने का फैसला लिया है, ऐसे में मई में होने वाले सेमेस्टर एग्जाम को फिजिकल मोड में कराने का कोई कारण नहीं है.


यह भी पढ़ेंः मामलों के जल्द निपटारे के लिए SC ने जारी किया डिजिटाइज़ेशन SOP, 5 होईकोर्ट्स में प्रक्रिया शुरू


 

share & View comments