scorecardresearch
Monday, 11 August, 2025
होमदेशउच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कोटा पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कोटा पर निर्णय लेने का निर्देश दिया

Text Size:

चेन्नई, पांच अगस्त (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को ट्रांसजेंडर लोगों के लिए आरक्षण पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है, ताकि उन्हें सार्वजनिक रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग करते हुए हर बार अदालत का दरवाजा खटखटाना न पड़े।

न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने एन सुषमा और यू सेम्मा अग्रवाल द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर के लिए निर्धारित की।

न्यायाधीश ने राज्य सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर लोगों के लिए तमिलनाडु राज्य नीति 2025 जारी करने की सराहना की, जो 31 जुलाई, 2025 से प्रभावी हुई।

प्राधिकारों द्वारा दिए गए सुझावों का हवाला देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण सुझाव जिस पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है, वह नीति के खंड 3.7 से संबंधित है जिसमें ‘रोजगार और शैक्षणिक संस्थान में प्रतिनिधित्व का अधिकार’ शब्द का प्रयोग किया गया है।

न्यायाधीश ने कहा कि अतिरिक्त लोक अभियोजक ने प्रस्तुत किया कि जहां तक ‘एलजीबीक्यूएप्लस’ के लिए नीति का सवाल है, वह प्रक्रियाधीन है और उसे अंतिम रूप देने में कुछ समय लगेगा।

अदालत ने कहा कि अब जबकि राज्य सरकार ट्रांसजेंडर लोगों के लिए नीति लेकर आई है, ‘समय आ गया है कि सरकार एलजीबीक्यूएप्लस व्यक्तियों के लिए भी नीति लाए। इस प्रक्रिया में तेज़ी लाई जानी चाहिए।’

भाषा आशीष अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments