मुंबई, 21 मई (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने 2019 के कर चोरी मामले में अभिनेता अर्जुन रामपाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के स्थानीय अदालत के आदेश को ”यांत्रिक व अस्पष्ट” करार देते हुए रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की अवकाश पीठ ने 16 मई को कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश ‘कानून के विपरीत’ था और बिना सोचे-समझे पारित किया गया था।
रामपाल ने आयकर अधिनियम की धारा 276सी(2) के तहत अपराध के लिए आयकर विभाग द्वारा 2019 में शुरू किए गए एक मामले में मजिस्ट्रेट अदालत ने नौ अप्रैल को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था जिसे चुनौती देने के लिए अभिनेता ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
यह धारा ऐसे व्यक्ति से संबंधित है जो जानबूझकर कर, जुर्माना या ब्याज के भुगतान से बचने का प्रयास करता है।
अभिनेता की याचिका के अनुसार, उनके वकील ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी से छूट के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। हालांकि, अदालत ने इसे खारिज कर दिया और रामपाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
आदेश में न्यायमूर्ति सेठना ने कहा कि जिस अपराध के लिए रामपाल को आरोपी बनाया गया है, उसके लिए अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है और यह जमानती अपराध है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने इस पर विचार नहीं किया और जमानती अपराध में अभिनेता के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश ”यांत्रिक रूप से” पारित कर दिया।
इसने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी करने से पहले कोई कारण भी दर्ज नहीं किया था। न्यायमूर्ति सेठना ने कहा, ‘मेरे विचार से, यह एक अस्पष्ट आदेश है जिसमें विवेक का अभाव है।’
रामपाल ने दिसंबर 2019 में मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उन्हें मामले में नोटिस जारी करने के आदेश को भी चुनौती दी थी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 जून को तय की है।
भाषा
नोमान पवनेश
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