नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) यमुना नदी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण दिल्ली में जल संकट के मद्देनजर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सोमवार को आरोप-प्रत्यारोप हुआ।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने आपूर्ति को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है, क्योंकि यमुना में अमोनिया का स्तर अधिक होने के कारण वजीराबाद जल उपचार संयंत्र 25-50 प्रतिशत कम पानी का उत्पादन कर रहा है। स्थिति में सुधार होने तक अन्य उपचार संयंत्रों से जलापूर्ति में पांच से 10 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की गई है।
‘आप’ के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पड़ोसी राज्य हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना नदी में जहरीले औद्योगिक कचरे को अनियंत्रित रूप से डालने की अनुमति देकर संकट को बढ़ाने में योगदान देने का आरोप लगाया।
भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नदी में अमोनिया का स्तर खतरनाक रूप से उच्च स्तर तक बढ़ गया है, जिससे वजीराबाद जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) का संचालन प्रभावित हो रहा है, जो अब अपनी आधी क्षमता पर काम कर रहा है।
इसके बाद ‘आप’ नेता ने इस मुद्दे पर भाजपा की निष्क्रियता की आलोचना की और सवाल किया कि हरियाणा सरकार ने पानीपत और सोनीपत क्षेत्रों से आने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए पिछले एक दशक में क्या कदम उठाए हैं।
‘आप’ नेता पर पलटवार करते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई के महासचिव और लोकसभा सदस्य योगेंद्र चंदोलिया ने दावों को ‘झूठा’ और ‘भ्रामक’ बताते हुए खारिज कर दिया।
चंदोलिया ने दावा किया कि हरियाणा से दिल्ली में आने वाला पानी, विशेषकर पल्ला में, वैधानिक नियमों का अनुपालन करता है और स्वच्छ है।
भाजपा नेता ने यह भी दावा किया कि वजीराबाद डब्ल्यूटीपी का जल भंडारण तालाब रेत से भरा हुआ है, जिससे अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा, ‘अगर दिल्ली के जल उपचार संयंत्र अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने में असमर्थ हैं, तो इसका कारण यह है कि ‘आप’ सरकार संयंत्रों को उन्नत करने में विफल रही है।’
भाषा
योगेश नोमान
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