शिमला, 14 अगस्त (भाषा) शहर के पास भूस्खलन की चपेट में 50 मीटर लंबा पुल आ जाने से शिमला-कालका रेलवे लाइन का एक हिस्सा हवा में झूलने लगा तथा यूनेस्को विश्व धरोहर यह रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह ने बताया कि शिमला से करीब छह किलोमीटर पहले समर हिल के पास कंक्रीट पुल पूरी तरह नष्ट हो गया तथा पांच या छह स्थानों पर इस धरोहर रेल मार्ग को नुकसान पहुंचा तथा सबसे अधिक प्रभावित शिमला एवं शोगी के बीच हुआ है।
सिंह ने बताया कि इस हिस्से की मरम्मत में कम से कम दो सप्ताह लगेंगे और यह इस बात निर्भर करेगा कि बारिश कितनी तेज है।
इससे पहले 10 जुलाई को शिमला-कालका रेल मार्ग पर सभी ट्रेन निलंबित कर दी गयी थी क्योंकि मूसलाधार वर्षा से कई स्थानों पर भूस्खलन होने और पेड़ उखड़कर गिर जाने से मार्ग अवरूद्ध हो गया था।
रेलवे प्रशासन द्वारा इस मार्ग को उपयुक्त घोषित किये जाने के बाद 20 जुलाई को इस रेलमार्ग के शिमला-सोलन खंउ पर एक विशेष ट्रेन शुरू की गयी।
सोलन से कालका तक का खंड अबतक खोला नहीं गया है क्योंकि धर्मपुर और परवानू के बीच मार्ग पर हाल में जो नुकसान पहुंचा था, उसकी अब भी मरम्मत की जा रही है।
शिमला कालका रेल मार्ग 96 किलोमीटर लंबा है तथा चार दशक पहले इसे तैयार किया गया था। यह मुश्किल पहाड़ी क्षेत्र में है एवं 103 सुरंगों, 800 पुलों और 919 घुमावदार मार्गों से गुजरता है।
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राजकुमार माधव
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