नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि ने अपने नए स्वदेशी ऑनलाइन वेंचर- आर्डरमी के लॉन्च के साथ ही अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स दिग्गजों से मुकाबला करने की योजना बनाई है.
कंपनी, जिसका मुख्यालय हरिद्वार में है, ने इस नई ऑनलाइन उद्यम के माध्यम से हर्बल दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन, होमकेयर, व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों से लेकर जैविक फलों, सब्जियों, दालों, डेयरी उत्पादों और मिष्ठान्न वस्तुओं तक- को बेचने की योजना बनाई है.
कंपनी ने 15 मई को पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर वेबसाइट लॉन्च की थी, लेकिन इस महीने के भीतर इसके कमर्शियल रोल आउट होने की उम्मीद है.
पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने दिप्रिंट को बताया कि ये भारत की पहली ई-कामर्स वेबसाइट है जो 12 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध होगी जिसमें हिंदी, संस्कृत, गुजराती, तमिल, पंजाबी और मराठी शामिल है.
बालकृष्ण ने कहा, ‘हम पिछले कुछ महीनों से ऑनलाइन मॉडल पर काम कर रहे हैं. हालांकि कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के साथ हमने लांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया है जिससे हम उत्पादों को सीधा ग्राहकों के घर तक पहुंचा पाएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘वोकल फॉर लोकल’ पर प्रधानमंत्री की रणनीति को बढ़ावा देते हुए, हमने सभी बड़े और विशेष रूप से छोटी भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित गुणवत्ता वाले उत्पादों को बेचने के उद्देश्य से एक ‘स्वदेशी’ पोर्टल बनाया है, जो कंपनियां अभी भी ऑनलाइन बाजार के बारे में अनजान हैं. इसके अलावा, हम भारत भर के किसानों से जैविक उत्पाद लेकर बेचेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य है कि इस वर्ष के अंत तक, कंपनी के कुल राजस्व में से 20 प्रतिशत का योगदान ऑनलाइन बिक्री से आना चाहिए.’
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एक महीने से भी कम समय में किराने का सामान बेचने वाले एक ऑनलाइन पोर्टल का यह दूसरा लॉन्च है. मई में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 200 शहरों में जीयोमार्ट ब्रांड के तहत अपने किराना कारोबार का ऑनलाइन विस्तार शुरू किया था.
टेलीमेडिसिन सेवाएं, फ्री डिलीवरी
पतंजलि की वेबसाइट, जो बैंगलोर की एक आईटी फर्म, इन्टेलिकस द्वारा बनाई गई है, को वाणिज्यिक बिक्री के लिए इस महीने के भीतर रोल आउट किए जाने की संभावना है. प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तैयारी है.
कंपनी के अनुसार, यह पतंजलि ब्रांड के तहत बेचे जाने वाले विभिन्न उत्पादों- एफएमसीजी, डेयरी और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों, आयुर्वेदिक और हर्बल दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों- को अपने खुदरा स्टोरों में बेचेगा.
प्रतिस्पर्धा से मुकाबला करने के लिए 500 रुपये से कम के ऑर्डर के लिए किसी वितरण शुल्क की आवश्यकता नहीं होगी. कंपनी एक ही दिन में डिलीवरी मॉडल की योजना भी बना रही है और कूरियर कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है.
कंपनी ने वेबसाइट के माध्यम से मुफ्त ऑनलाइन परामर्श के लिए 1,500 आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ‘वैद्यों’ के साथ करार किया है.
बालकृष्ण ने कहा, ‘टेलिमेडिसिन की सुविधा वेबसाइट पर उपलब्ध होगी जिससे स्थानीय भाषाओं में मुफ्त परामर्श मिल सके.’
क्या इस कदम से पतंजलि को मदद मिलेगी?
एफएमसीजी बाजार के विघटनकर्ता के रूप में जाना जाने वाला हरिद्वार-मुख्यालय वाली फर्म 2017 में बस हिंदुस्तान यूनिलीवर से पीछे, देश की दूसरी सबसे बड़ी एफएमसीजी क्षेत्र की खिलाड़ी बन गई थी.
हालांकि, वित्त वर्ष 2018-19 में, वैश्विक उपभोक्ता अनुसंधान फर्म कांतार वर्ल्डपैनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि की बिक्री, मात्रा के मामले में, शहरी क्षेत्रों में सिकुड़ गई, और ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी वृद्धि घटकर एक तिहाई रह गई. पिछले साल, फर्म ने फिर से अपने राजस्व में सुधार करना शुरू कर दिया.
कंपनी ने अप्रैल और सितंबर 2019-20 के बीच 3,562 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया, जो किसी भी वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में इसका उच्चतम था.
कंपनी ने 2018 में सुरक्षा विशेषज्ञों को प्रभावित करने में विफल रहने के बाद अपने ‘स्वदेशी’ चैटिंग प्लेटफॉर्म, ‘किंभो’ को फिर से लॉन्च करने की योजना बनाई थी.
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फेसबुक डेटा लीक के बीच प्रचारित, किंभो को भारतीय उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रचारित किया गया था.
विशेषज्ञों ने कहा कि पतंजलि के लिए ‘ऑनलाइन गेम’ आसान नहीं होगा.
अबनेश रॉय, खुदरा विशेषज्ञ, कार्यकारी उपाध्यक्ष, एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, ‘लोग अपने फोन पर अमेज़न, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट और डीमार्ट, रिलायंस के ऐप के साथ सहज हो गए हैं. वे नई कंपनियों को डाउनलोड नहीं करना चाहते जब तक कि वे कुछ बहुत विशिष्ट या भारी छूट की खोज नहीं कर रहे हैं. ‘
उन्होंने कहा, ‘पतंजलि के ऑनलाइन आने का निर्णय कोविड-19 और फ्लैगशिप बिक्री के प्रति उनकी प्रतिक्रिया के समान है. शुरुआती चरण में इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल सकती है, लेकिन कोविड-19 के बाद, लोग बड़े ऑनलाइन प्रतियोगियों के अलावा दुकानों से खरीदना पसंद करेंगे.’
रॉय ने कहा, ‘देशभर के सभी पिन कोड में डिलिवरी करना जैसे अमेजन करता है मुश्किल है, जब तक कि किसी बड़ी डिलिवरी करने वाली कंपनी से अनुंबध न किया गया हो.’
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