नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को सुनवाई योग्य बताने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हीमा कोहली की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय को इस मामले में फैसला करने दें। इस पर अलग-अलग विचार की जरूरत नहीं है।’’
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुरोध पर शीर्ष अदालत ने गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
रोहतगी ने कहा था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला सरकार को अस्थिर करने की राजनीति से प्रेरित है।
रोहतगी ने कहा कि उच्च न्यायालय हर दिन मामले पर सुनवाई कर रहा है और उन्हें समझ नहीं आता कि मामले में इतनी त्वरित सुनवाई की क्या आवश्यकता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह मामले में त्वरित सुनवाई की आवश्यकता के बारे में विस्तृत ब्योरा देंगे।
झारखंड उच्च न्यायालय में सोरेन के परिजन एवं सहयोगियों की कुछ मुखौटा कंपनियों के जरिये लेनदेन और खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच का अनुरोध किया गया है।
उच्च न्यायालय ने गत तीन जून को कहा था कि उसका सुविचारित मत है कि संबंधित रिट याचिकाओं को सुनवाई योग्य न बताकर खारिज नहीं किया जा सकता और वह मामलों के गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करेगा।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने गत 24 मई को झारखंड उच्च न्यायालय को पहले सरकार की इन आपत्तियों पर विचार करने का निर्देश दिया था कि जांच की मांग करने के निर्देश संबंधी रिट याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं।
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